Hajj pilgrimage: भारत-सऊदी अरब हज समझौता, 1,75,025 भारतीय श्रद्धालु करेंगे इस वर्ष हज यात्रा
Hajj yatra: श्रद्धालुओं के लिए आधुनिक आवासीय व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाएं और डिजिटल टिकटिंग जैसी सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाएगी
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नई दिल्ली, 18 जनवरी (ट्रिन्यू)
Hajj yatra: भारत और सऊदी अरब के बीच इस वर्ष के हज के लिए ऐतिहासिक समझौता हुआ है, जिसके तहत 1,75,025 भारतीय मुस्लिम श्रद्धालु पवित्र हज यात्रा पर जा सकेंगे। इस समझौते पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरण रिजिजू और सऊदी अरब के हज एवं उमराह मंत्री तौफीक बिन फवजान अल-रबियाह ने हस्ताक्षर किए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समझौते का स्वागत करते हुए कहा, “मैं इस समझौते का स्वागत करता हूं, जो भारतीय हज यात्रियों के लिए एक अद्भुत खबर है। हमारी सरकार श्रद्धालुओं के लिए एक बेहतर और आसान हज अनुभव सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
सऊदी अरब का आभार
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सऊदी अरब के मंत्री तौफीक अल-रबियाह ने प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा की और कहा, “हज यात्रा को सुगम बनाने में प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिबद्धता सराहनीय है। सऊदी अरब के लिए यह सम्मान की बात है कि वह भारत और विश्वभर के श्रद्धालुओं की सेवा कर सके। दो पवित्र मस्जिदों में भारतीय हज यात्रियों का स्वागत करना हमारी स्थायी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
हज-2025: विशेष प्रावधान और सुविधाएं
इस समझौते के तहत हज यात्रा के लिए भारत का कोटा 1,75,025 निर्धारित किया गया है। यह व्यवस्था दोनों देशों के बीच करीबी संबंधों और धार्मिक यात्राओं को सुगम बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को दर्शाती है।
हज-2025 के लिए भारतीय और सऊदी प्रशासन ने यात्रा को आसान, सुविधाजनक और सुरक्षित बनाने के लिए कई नई व्यवस्थाएं की हैं। भारतीय श्रद्धालुओं के लिए आधुनिक आवासीय व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाएं और डिजिटल टिकटिंग जैसी सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
भारत और सऊदी अरब के बीच यह सहयोग न केवल धार्मिक यात्रा का हिस्सा है, बल्कि दोनों देशों के बीच बढ़ते सांस्कृतिक और कूटनीतिक संबंधों का भी प्रतीक है।
सऊदी अरब ने यह भी दोहराया कि मक्का और मदीना में सभी मुसलमानों को उच्चतम स्तर की सेवाएं प्रदान करना उसका उद्देश्य है।
भारत के हज श्रद्धालुओं के लिए खास संदेश
प्रधानमंत्री मोदी और सऊदी अरब के मंत्री अल-रबियाह दोनों ने इस ऐतिहासिक समझौते को भारतीय मुस्लिम समुदाय के लिए एक खास अवसर बताया। यह समझौता दो देशों के बीच मजबूत संबंधों और सभी धर्मों के प्रति सम्मान को दर्शाता है।
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