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वंदे मातरम के टुकड़े न करते तो देश का विभाजन नहीं होता : शाह

गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में दावा किया कि यदि राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के दो टुकड़े न किए जाते तो देश का विभाजन भी नहीं होता। राष्ट्रीय गीत के 150 वर्ष होने पर उच्च सदन में...
अमित शाह। -प्रेट्र
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गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में दावा किया कि यदि राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के दो टुकड़े न किए जाते तो देश का विभाजन भी नहीं होता। राष्ट्रीय गीत के 150 वर्ष होने पर उच्च सदन में चर्चा में भाग लेते हुए शाह ने कहा कि वंदे मातरम का विरोध जवाहरलाल नेहरू से लेकर आज के कांग्रेस नेतृत्व तक, कांग्रेस के खून में बसा है।

गृह मंत्री ने कहा, ‘जब वंदे मातरम की स्वर्ण जयंती हुई तो जवाहरलाल नेहरू ने उसके दो टुकड़े कर उसे दो अंतरों तक सीमित करने का काम किया। इसी समय तुष्टिकरण की शुरुआत हुई जिसकी परिणति बाद में जाकर देश के विभाजन के रूप में हुई। वंदे मातरम लिखे जाने के जब 100 साल पूरे हुए, तब देश में आपातकाल लगा दिया गया था और इसे बोलने वालों को इंदिरा गांधी ने जेल में डाल दिया था। अब जब वंदे मातरम के 150 वर्ष होने पर लोकसभा में चर्चा शुरू हुई तो कांग्रेस से जुड़े गांधी परिवार के दोनों सदस्य सदन से नदारद थे।’

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शाह ने प्रियंका गांधी का नाम लिए बिना कहा कि लोकसभा में कांग्रेस की एक प्रमुख नेता ने कहा कि आज वंदे मातरम पर चर्चा कराने की कोई जरूरत नहीं है। भाजपा नेता ने कहा कि जिन्हें इस चर्चा का मकसद समझ नहीं आ रहा उन्हें अपनी समझ पर नये सिरे से विचार करने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि वंदे मातरम पर चर्चा टालने की यह मानसिकता नयी नहीं है, इस संसद में राष्ट्रीय गीत के गान को बंद करवा दिया गया था।

 

 

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