अमेरिकी टेक दिग्गजों के बढ़ते वर्चस्व से भारतीय IT कंपनियों के H-1B वीजा अनुमोदन में 70% की गिरावट
Indian IT company: अमेरिका में काम करने वाले भारतीय आईटी पेशेवरों के लिए बड़ी चिंता की बात सामने आई है। नेशनल फाउंडेशन फॉर अमेरिकन पॉलिसी (NFAP) द्वारा USCIS डेटा के विश्लेषण में पाया गया है कि वित्त वर्ष (FY) 2015 से FY2025 के बीच भारतीय आईटी कंपनियों को शुरुआती रोजगार (Initial Employment) के लिए मिलने वाले H-1B वीज़ा अनुमोदनों में 70% की भारी गिरावट दर्ज की गई है।
FY2025 में भारतीय कंपनियों की स्थिति
FY2025 में शीर्ष सात भारतीय आईटी कंपनियों को केवल 4,573 H-1B अनुमोदन मिले जो FY2024 की तुलना में 37% कम हैं। NFAP के अनुसार, शुरुआती-रोजगार वाले H-1B वीज़ा आमतौर पर वार्षिक 65,000 की कैप में शामिल होते हैं, जबकि 20,000 अतिरिक्त स्लॉट अमेरिका में उच्च डिग्री धारकों के लिए आरक्षित होते हैं। इस वर्ष H-1B भर्ती करने वाले शीर्ष 25 नियोक्ताओं की सूची में सिर्फ तीन भारतीय कंपनियाँ शामिल हो सकीं।
अमेज़न, गूगल और मेटा के मुकाबले भारतीय आईटी कंपनियां
अमेरिकी टेक दिग्गजों ने भारतीय कंपनियों को काफी पीछे छोड़ दिया है। Amazon ने शुरुआती रोजगार वाले H-1B के 4,644 अनुमोदन प्राप्त किए, Meta Platforms को 1,555, Microsoft को 1,394, Google को 1,050 अनुमोदन मिले।
NFAP के कार्यकारी निदेशक स्टुअर्ट एंडरसन ने कहा कि डेटा स्पष्ट संकेत देता है कि भारतीय आईटी कंपनियाँ अब अमेरिकी ग्राहकों को सेवाएँ देने के लिए कम H-1B वर्कर्स का उपयोग कर रही हैं। इसके विपरीत, अमेरिकी टेक कंपनियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में बढ़ते निवेश के कारण बड़ी संख्या में उच्च कौशल वाले विदेशी पेशेवरों को नियुक्त कर रही हैं।
व्यापक रुझान
रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि FY2025 में 28,277 अमेरिकी नियोक्ताओं को कम से कम एक नए H-1B कर्मचारी को नियुक्त करने की मंजूरी मिली। 61% नियोक्ताओं को केवल एक H-1B याचिका की मंजूरी मिली। 95% नियोक्ताओं के पास 10 या उससे कम शुरुआती H-1B अनुमोदन थे।
