नयी दिल्ली, 19 मई (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी में दीवानी अदालत से ज्ञानवापी मामले में कार्यवाही शुक्रवार तक आगे न बढ़ाने को कहा है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ को वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि दीवानी मामले में हिंदू श्रद्धालुओं की ओर से पेश होने वाले मुख्य अधिवक्ता हरी शंकर जैन अस्वस्थ हैं। वकील विष्णु शंकर जैन ने अदालत से शुक्रवार को मामले पर सुनवाई करने का अनुरोध किया। इस बीच, वाराणसी की अदालत ने सुनवाई के लिए 23 मई की तारीख तय की है।
अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद की प्रबंधन समिति की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने कहा कि विभिन्न मस्जिदों को ‘सील’ करने के लिए देशभर में कई अर्जियां दायर की गयी हैं और वाराणसी में ज्ञानवापी मामले में सुनवाई चल रही है। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद में ‘वजूखाना’ के आसपास बने एक तालाब को ‘ध्वस्त’ करने के लिए अर्जी दाखिल की गयी है। अहमदी ने कहा कि हलफनामा दिया जाना चाहिए कि हिंदू श्रद्धालु दीवानी अदालत में कार्यवाही को आगे नहीं बढ़ाएंगे। वकील विष्णु ने कहा कि वे पीठ को आश्वस्त कर रहे हैं कि हिंदू पक्षकार वाराणसी में दीवानी अदालत के सामने सुनवाई आगे नहीं बढ़ाएंगे। पीठ ने दलीलों को दर्ज किया और दीवानी अदालत को मामले में शुक्रवार को तब तक कार्यवाही आगे न बढ़ाने को कहा, जब तक वह इस मामले में सुनवाई नहीं कर लेगा। सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा। शीर्ष अदालत ने 17 मई को वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर के भीतर उस इलाके को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया था, जहां एक सर्वेक्षण के दौरान एक ‘शिवलिंग’ मिलने का दावा किया गया है। साथ ही मुसलमानों को ‘नमाज’ पढ़ने की अनुमति देने का भी निर्देश दिया था।
अदालत को सौंपी सर्वेक्षण रिपोर्ट
वाराणसी : स्पेशल एडवोकेट कमिश्नर ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में किये गए आयोग के सर्वेक्षण कार्य की रिपोर्ट अदालत को सौंप दी है। हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि अदालत द्वारा हटाए गए अधिवक्ता आयुक्त अजय मिश्र ने 6 और 7 मई को की गई ज्ञानवापी परिसर की सर्वेक्षण रिपोर्ट बुधवार देर शाम सौंप दी थी। विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह ने रिपोर्ट पेश करने के बाद पत्रकारों से कहा, ‘मैंने 14, 15 और 16 मई की रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत कर दी है। रिपोर्ट में क्या है यह मुझे बताने का अधिकार नहीं है।’ विशाल सिंह ने कहा कि वीडियोग्राफी और ‘स्टिल फोटोग्राफी’ के साथ दस्तावेज भी जमा किए गए हैं।
कृष्ण जन्मभूमि याचिका पर होगा विचार
मथुरा : यहां एक अदालत ने बृहस्पतिवार को वह याचिका विचारार्थ स्वीकार कर ली जिसमें शाही ईदगाह को हटाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। याचिका में दावा किया गया है कि ईदगाह का निर्माण केशवदेव मंदिर की जमीन पर किया गया जो भगवान कृष्ण का जन्मस्थान है। वकील हरि शंकर जैन ने कहा कि अदालत ने इस मामले में दायर कई याचिकाओं में से एक को विचार के लिए स्वीकार किया है। कृष्ण जन्मभूमि परिसर 13.37 एकड़ क्षेत्र में फैला है।