Gyan ki Baatein : बाहर जाते वक्त पीछे से आवाज मत देना... ऐसा क्यों कहती है दादी-नानी?
चंडीगढ़, 23 फरवरी (ट्रिन्यू)
Gyan ki Baatein : जब भी कोई व्यक्ति घर से बाहर जाता है तो उसे पीछे से टोकना चाहिए.. .आपने भी अपने बड़े-बुजुर्गों से बहुत बार ऐसा सुना होगा। दादी-नानी अक्सर नई पीढ़ि को पीछे से आवाज देने या टोकने के लिए मना करती है। वहीं, हिंदू धर्म में भी इसे अपशगुन माना जाता है। हालांकि इसके पीछे कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। चलिए आपको बताते हैं कि पीछे से क्यों नहीं मारनी चाहिए आवाज।
पीछे से नहीं देनी चाहिए आवाज
मान्यता है कि जब कोई व्यक्ति किसी शुभ काम के लिए बाहर जा रहा हो तो उसे पीछे से आवाज नहीं दिया करते। इसे अपशकुन माना जाता है। वहीं, ऐसी भी मान्यता है कि पीछे से आवाज देने पर वो कार्य संपन्न नहीं हो पाता, जिसके लिए वह निकला है। इसके अतिरिक्त इसे किसी अनिष्ट की आशंका का संकेत भी माना जाता है।
दुर्घटना से बचने का संकेत
हालांकि कई लोग इसे शुभ भी मानते हैं। दरअसल, यकायक पीछे से आवाज देने का भाव मन में प्रकृति ही पैदा करती है। यानि जिस पल में वह भाव उत्पन्न होता है, वह किसी काम के निकलने के लिए उचित नहीं होता। ऐसे में प्रकृति उसे टाल जाने का इशारा दे रही होती है। ऐसे में सलाह दी जाती है कि अगर कोई पीछे से टोक लगा दें तो कुछ देर बाद ही घर से बाहर निकलना चाहिए।
अगर किसी को टोक दिया है तो क्या करें?
ऐसे में यही सलाह दी जाती है कि टोकने की बजाए उसे कुछ पल के लिए रोक लेना चाहिए, ताकि उस वक्त को टाल दिया जाए। अगर आपने किसी व्यक्ति को पीछे से टोक लगा दी है तो उसे कुछ पल के लिए बैठाकर पानी पिला दें और फिर रवाना करें।
डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।