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Gyan Ki Baat: सूर्यास्त के बाद बाल खुले छोड़ने पर क्यों टोकती है दादी-नानी?

Gyan Ki Baat: सूर्यास्त के बाद बाल खुले छोड़ने पर क्यों टोकती है दादी-नानी?

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चंडीगढ़, 19 दिसंबर (ट्रिन्यू)

Gyan Ki Baat: हिंदू धर्म व प्रथाओं के अनुसार शाम के समय बालों को खुला छोड़ना अनुचित माना जाता है, जो अक्सर नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने से जुड़ा होता है। यही वजह है कि दादी-नानी रात को खुले बाल देखकर टोक देती हैं। बेशक समय बदल गया है और कई लोग इस परंपरा को पुराना मान सकते हैं लेकिन शास्त्र और विज्ञान से इसका गहरा संबंध है।

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हिंदू धर्म में, बालों को ऊर्जा का एक शक्तिशाली संवाहक माना जाता है। शास्त्रों के मुताबिक, इससे महिलाओं को कई नकारात्मक प्रभाव झेलने पड़ते हैं। मान्यता है कि सूर्यास्त के बाद बाल खुले बाल लेकर बाहर जाने वाली महिलाएं तंत्र क्रिया या नकारात्मक शक्तियों की चपेट में आ सकती हैं। एक पौराणिक कथा के अनुसार, विवाह के समय सुनयना ने माता सीता जी के बाल बांधते हुए कहा था कि कभी भी बाल खुले मत रखना क्योंकि बंधे बाल रिश्तों को भी बांधकर रखते हैं।

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वहीं, महिलाओं को रात में बाल खोलकर नहीं सोना चाहिए। माना जाता है कि सूर्यास्त के बाद नकारात्मक ऊर्जा हमारे आस-पास रहती है। जो महिलाएं रात में बालों में कंघी करती हैं या बाल खुले रखती हैं, उन पर उन ऊर्जाओं का प्रभाव अधिक पड़ता है इसिए खुले बाल रखकर सोना अशुभ माना जाता है।

क्या कहता है विज्ञान?

वहीं, एक्सपर्ट भी रात के समय बाल बांधकर सोने की सलाह देते हैं। दरअसल, इससे बाल और तकिए के बीच रगड़ होती है, जिससे वो जड़ों से कमजोर हो जाते हैं और टूटने लगते हैं। इससे नींद में भी खलल पड़ती है और बालों के ऑयल से स्किन प्रॉब्लम भी हो सकती है।

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