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Gurugram Crime : फर्जी विज्ञापन से नकली सेक्स वर्धक दवाईयां बेचने वाले कॉल सेंटर का भंडाफोड़, 11 लोग गिरफ्तार

पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि आरोपी पीयूष कॉल सेंटर का मालिक है

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इंस्टाग्राम पर फर्जी विज्ञापन देकर नकली सेक्स वर्धक दवाईयां बेचने के नाम पर ठगी करने वाले कॉल सेंटर का पुलिस ने शनिवार को भंडाफोड़ किया है। मामले पुलिस ने कॉल सेंटर के मालिक, 4 महिलाओं सहित 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 13 मोबाइल फोन, सेक्सवर्धक नकली दवाईयों के 54 कैप्सूल बॉक्स, 35 ऑयल स्प्रे की बोतलें बरामद की है।

पुलिस प्रवक्ता संदीप कुमार ने बताया कि पुलिस को फर्जी सेक्सवर्धक दवाईयां बेचने का प्रलोभन देकर ठगी करने वाले गिरोह की सूचना मिली थी। इस सूचना पर सहायक पुलिस आयुक्त साईबर अपराध प्रियांशु दीवान के निर्देश पर पुलिस टीम का गठन किया गया। पुलिस ने तकनीकी के आधार पर इंस्टाग्राम व फेसबुक पर नकली सेक्सवर्धक दवाईयां बेचने वाला का पता लगाया।पुलिस टीम ने उद्योग विहार फेज-5 में बनी बिल्डिंग के बेसमेंट में चल रहे एक कॉल सेंटर पर रेड़ की और सात लड़कें तथा 4 लड़कियांं को अपनी गिरफ्त में लिया।

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पकड़े गए आरोपियों की पहचान पीयूष कुमार निवासी न्यू कॉलोनी, गुरुग्राम, अभिषेक शर्मा निवासी गांव डेरा, नई दिल्ली, चेतन सैनी निवासी कन्हैया नगर, नई दिल्ली,देव सिंह कापसहेडा बॉर्डर, नई दिल्ली, अल्ताफ अंसारी निवासी झड़ेला, नई दिल्ली, नीरज कुमार निवासी पट्टी मोहल्ला, सहसवान, जिला बदायूं (उत्तर-प्रदेश), अरुण भारद्वाज निवासी डेरा गांव, नई दिल्ली, किरण निवासी सेक्टर-17, गुरुग्राम, जूही निवासी कापसहेड़ा, नई दिल्ली, मोनी निवासी सरहौल सेक्टर-17, गुरुग्राम, सिमरन निवासी कापसहेड़ा, नई दिल्ली के रूप में हुई है।

पुलिस प्रवक्ता के अनुसार आरोपियों से पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि आरोपी पीयूष कॉल सेंटर का मालिक है। पीयूष द्वारा सेक्सवर्धक दवाईयों का विज्ञापन इंस्टाग्राम व फेसबुक पर करवाया जाता है। जब कोई व्यक्ति इनके जाल में फंसता था तो टीम के सदस्य फर्जी डाक्टर बनकर ऑनलाइन पेमेंट करवाकर ठगी करते थे। आरोप है कि यह गिरोह दिल्ली से किसी व्यक्ति से 50 से 100 रुपये में दवाईयां खरीदकर 2 हजार रुपये तक की कीमत में बेच देते थे।

पुलिस पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ कि इंस्टाग्राम व फेसबुक पर विज्ञापन का काम शिव कुमार करता है व बाकी टीम कॉल के माध्यम से उपरोक्त दवाईयां बेचती है। उपरोक्त आरोपी लड़कियां व लड़कों को 15 से 20 हजार रुपए प्रति माह वेतन मिलता है व ठगी करने पर अलग से तीन प्रतिशत तक कमीशन भी दिया जाता है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि पूछताछ के बाद सात आरोपियों को शनिवार को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। पुलिस अभी इस मामले में गहन जांच कर रही है।

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