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GST Council Meeting: बैठक से पहले विपक्ष शासित राज्यों की बैठक, सुधार एजेंडे को मंजूरी के लिए मुआवजे की मांग

GST Council Meeting: विपक्षी दल शासित राज्यों के वित्त मंत्रियों ने जीएसटी परिषद की बुधवार को होने वाली बैठक से पहले मुलाकात की और जीएसटी दर में बदलाव के बाद सभी राज्यों को होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई के...
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GST Council Meeting: विपक्षी दल शासित राज्यों के वित्त मंत्रियों ने जीएसटी परिषद की बुधवार को होने वाली बैठक से पहले मुलाकात की और जीएसटी दर में बदलाव के बाद सभी राज्यों को होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा दिए जाने की मांग की है।

हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्रियों ने पिछले सप्ताह बैठक की थी जिसमें 12 और 28 प्रतिशत की ‘स्लैब' हटा दिए जाने के बाद उनके राजस्व की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदमों पर विचार-विमर्श किया गया था। दरों को युक्तिसंगत बनाने और राजस्व तटस्थता को संतुलित करने के उनके प्रस्ताव में मौजूदा कर भार को बनाए रखने के लिए प्रस्तावित 40 प्रतिशत दर के अलावा अहितकर एवं विलासिता की वस्तुओं पर अतिरिक्त शुल्क लगाने का सुझाव दिया गया है।

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झारखंड के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि अगर केंद्र का जीएसटी सुधार प्रस्ताव (जिसमें स्लैब की संख्या कम करने का प्रस्ताव है) लागू होता है तो उनके राज्य को 2,000 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होगा।

विपक्ष शासित राज्यों की बैठक के बाद किशोर ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ अगर केंद्र हमें होने वाले नुकसान की भरपाई करने पर सहमत होता है तो हमें परिषद के समक्ष एजेंडा को मंजूरी देने में कोई समस्या नहीं है। मुझे नहीं लगता कि यह मुद्दा मतदान के लिए आएगा क्योंकि संघीय ढांचे में राज्यों को होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई करना केंद्र की जिम्मेदारी है।'' इन राज्यों का तर्क है कि दरों में बदलाव और ‘स्लैब' खत्म करने से राजस्व में कमी आएगी।

हालांकि केंद्र का मानना ​​है कि कम कीमतें खपत को बढ़ावा देंगी और लंबे समय में राजस्व के किसी भी नुकसान की भरपाई कर देंगी। इससे पहले कर्नाटक के वित्त मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा ने कहा था कि प्रत्येक राज्य को अपने मौजूदा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व में 15-20 प्रतिशत की कमी आने की आशंका है। बायरे गौड़ा ने कहा, ‘‘ जीएसटी राजस्व में 20 प्रतिशत की कमी देश भर की राज्य सरकारों के राजकोषीय ढांचे को गंभीर रूप से अस्थिर कर देगी।''

केंद्र ने प्रस्ताव दिया है कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत दर वाली दो स्तरीय कर संरचना बनाया जाए। इसके अलावा अहितकर और विलासिता वाली कुछ चुनिंदा वस्तुओं के लिए 40 प्रतिशत की दर प्रस्तावित की गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में तीन और चार सितंबर को होने वाली जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में एक ऐसी व्यवस्था तय की जानी है, जिससे क्षतिपूर्ति उपकर समाप्त होने के बाद भी अवगुण एवं अति-विलासिता वस्तुओं पर कर की दर समान बनी रहे।

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