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ग्रुप कैप्टन शुभांशु की अंतरिक्ष उड़ान में फिर देरी

रॉकेट में एलओएक्स का रिसाव, ‘एक्सिओम-4’ मिशन रुका
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अक्षीव ठाकुर/ट्रिन्यू

नयी दिल्ली, 11 जून

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अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला द्वारा संचालित ‘एक्सिओम-4’ अंतरिक्ष मिशन का प्रक्षेपण, बुधवार को फिर से स्थगित कर दिया गया क्योंकि स्पेसएक्स टीमों को रॉकेट में पाए गए तरल ऑक्सीजन (एलओएक्स) रिसाव को ठीक करने के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता थी। अभी तक कोई नयी लॉन्च तिथि घोषित नहीं की गई है।

स्पेसएक्स ने एक बयान में कहा, ‘स्पेसएक्स बुधवार को फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर में लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए (एलसी-39ए) से आईएसएस के लिए एक्सिओम मिशन 4 (एक्स-4) के फाल्कन 9 के प्रक्षेपण से पीछे हट रहा है ताकि टीमों को पोस्ट-स्टेटिक फायर बूस्टर निरीक्षण के दौरान पहचाने गए एलओएक्स रिसाव की मरम्मत के लिए अतिरिक्त समय मिल सके। एक बार पूरा होने और रेंज उपलब्धता के अधीन होने पर हम एक नयी लॉन्च तिथि

साझा करेंगे।’

मिशन की कमान नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री और एक्सिओम स्पेस के मानव अंतरिक्ष उड़ान के निदेशक पैगी व्हिटसन संभालेंगे, जबकि शुक्ला पायलट के रूप में काम करेंगे। दो मिशन विशेषज्ञ पोलैंड के ईएसए (यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी) परियोजना के अंतरिक्ष यात्री स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्निएव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू हैं।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन, जो वर्तमान में फ्लोरिडा में हैं, ने आगे कहा, ‘फाल्कन 9 लॉन्च वाहन के बूस्टर चरण के प्रदर्शन को मान्य करने के लिए लॉन्च वाहन की तैयारी के हिस्से के रूप में, लॉन्च पैड पर सात सेकंड का हॉट टेस्ट किया गया। यह समझा जाता है कि परीक्षण के दौरान प्रणोदन बे में एक एलओएक्स रिसाव का पता चला था। एक्सिओम और स्पेसएक्स के विशेषज्ञों के साथ इसरो टीम द्वारा चर्चा के आधार पर, लॉन्च को मंजूरी देने से पहले रिसाव को ठीक करने और आवश्यक सत्यापन परीक्षण करने का निर्णय लिया गया है।’

स्पेसएक्स द्वारा डिजाइन और निर्मित एक पुन: प्रयोज्य दो-चरण रॉकेट, फाल्कन 9, चालक दल और पेलोड को पृथ्वी की कक्षा और उससे आगे ले जाने के लिए है। एक्सिओम-4 मिशन इस विशेष फाल्कन 9 की दूसरी उड़ान को चिह्नित करेगा, जिसने पहले इस साल अप्रैल में स्टारलिंक मिशन पर उड़ान भरी थी। फाल्कन 9 दुनिया का पहला पुन: प्रयोज्य रॉकेट है। दबाव वाली प्रणाली में रिसाव दरारें, छेद, छिद्र या दोषपूर्ण जोड़ों के कारण होता है, जिससे तरल या गैस निकल जाती है। अधिकारियों ने कहा कि रॉकेट में रिसाव की शुरुआत उसके आखिरी स्टारलिंक मिशन के दौरान हुई होगी।

समस्या का पता स्टैटिक फायर टेस्ट के दौरान चला, जो रॉकेट के लॉन्च पैड पर सुरक्षित रहने के दौरान किया गया एक मानक इंजन चेक था, जिसमें प्रणोदन डिब्बे से एलओएक्स के निकलने का पता चला।

इंजन से जुड़ी कुछ समस्याओं को पहले ही सुलझा लिया गया था, लेकिन आगे की मरम्मत को जरूरी माना गया। इसरो के एक अधिकारी ने कहा, ‘प्रक्षेपण से पहले समस्याओं को ठीक किया जाना चाहिए, क्योंकि मानव जीवन दांव पर है। चर्चा के बाद, प्रक्षेपण को अस्थायी रूप से रोकने का निर्णय लिया गया। एक बार मरम्मत पूरी हो जाने के बाद, प्रक्षेपण के साथ आगे बढ़ने से पहले एक और सत्यापन परीक्षण किया जाएगा।’ नासा के अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन कार्यक्रम के प्रबंधक डाना वीगेल ने पहले कहा था कि एक्सिओम-4 मिशन के पास जून के अंत या जुलाई के मध्य तक कई प्रक्षेपण अवसर उपलब्ध हैं।

खतरनाक हो सकता है रिसाव एक अधिकारी ने कहा, ‘रिसाव खतरनाक हो सकता है, जिससे वाहन और चालक दल के विनाशकारी नुकसान की संभावना है। अत्यधिक रिसाव से लॉन्च में देरी हो सकती है और कार्यक्रम की लागत में काफी वृद्धि हो सकती है।’ एलओएक्स एक ऑक्सीडाइज़र के रूप में कार्य करता है, जो अंतरिक्ष के निर्वात में भी दहन को सक्षम बनाता है और अंतरिक्ष यात्रा के लिए आवश्यक थ्रस्ट उत्पन्न करता है। लॉन्च पूर्व प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, स्पेसएक्स के बिल्ड और फ्लाइट विश्वसनीयता के उपाध्यक्ष विलियम गेर्स्टनमेयर ने कहा, ‘हमने पहले अपने पिछले मिशन में प्रवेश के दौरान इस बूस्टर पर एक रिसाव देखा था और पाया था कि इसे या तो नवीनीकरण के दौरान पूरी तरह से ठीक नहीं किया गया था या इसका पता नहीं चला था। हम एक पर्ज स्थापित कर रहे हैं जो अनिवार्य रूप से रिसाव को कम करेगा, यह सुनिश्चित करते हुए कि हम लॉन्च के साथ आगे बढ़ने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।’

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