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हरियाणा में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारने पर सरकार का जोर, 98 परिसर होंगे दुरुस्त; पहले चरण में 38 के जारी होंगे टेंडर

खेल मंत्री ने एसई और एक्सईएन सहित दूसरे स्टॉफ के लिए लिखा पत्र

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हरियाणा के खेल परिसरों में सुधार-मरम्मत के कार्यों के लिए विभाग पीडब्ल्यूडी (भवन एवं सड़कें) विभाग के भरोसे पर नहीं रहेगा। खेल विभाग की खुद की इंजीनियरिंग विंग होगी। इसमें ग्राउंड पर काम करने वाले टेक्निकल स्टॉफ से लेकर एसई (सुपरिटेंडेंट इंजीनियर) रैंक तक के अधिकारी शामिल होंगे। इसका मुख्यालय पंचकूला में रहेगा। जरूरत पड़ेगा पर क्षेत्रीय कार्यालय भी स्थापित किए जाएंगे।

हरियाणा के खेल परिसरों की दयनीय स्थिति को लेकर खेल मंत्री गौरव गौतम की ओर से यह शुरूआत की गई है। इस संदर्भ में वे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से भी बात कर चुके हैं। खेल विभाग की ओर से भेजे गए इंजीनियरिंग विंग बनाने की कवायद शुरू हो गई है। विभाग की ओर से पीडब्ल्यूडी (भवन एवं सड़कें) तथा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) से प्रतिनियुक्ति पर स्टॉफ की डिमांड भी की गई है।

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तकनीकी पदों के लिए फाइल अब वित्त विभाग में मंजूरी के लिए जाएगी। वित्त विभाग की मंजूरी के बाद ही यह तय होगा कि फील्ड में एसडीओ, जेई व अन्य टेक्निकल स्टॉफ के लिए कितने पदों की मंजूरी मिलती है। टेक्निकल स्टॉफ खेल विभाग द्वारा हरियाणा राज्य कौशल विकास निगम के जरिए हॉयर किया जाएगा। पहले चरण में जिला मुख्यालय व उपमंडल स्तर पर मौजूद खेल स्टेडियम में काम शुरू होगा। इसके बाद गांवों के खेल परिसर सुधारे जाएंगे।

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98 खेल परिसर सुधरेंगे

खेल विभाग की ओर से प्रदेशभर के 98 खेल परिसर चिह्नित किए हैं, जिनमें काम किए जाने हैं। इनमें कइयों में जहां मैदान की मरम्मत होनी है, वहीं कइयों की चारदीवारी बनाई जानी हैं। देखरेख के अभाव में जिन खेल मैदानों में घास जमा हो गई है और गड्ढे पड़ गए हैं, उन्हें ठीक करवाया जाएगा। पहले चरण में 38 खेल परिसरों को सुधारने के लिए टेंडर जारी करने की तैयारी हो चुकी है।

स्टॉफ भर्ती के आदेश

इतना ही नहीं, खेल परिसरों में चौकीदार, स्विपर व ग्राउंडमैन व माली सहित दूसरे स्टॉफ की कमी को भी पूरा करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सभी जिलों के खेल अधिकारियों से खाली पदों का ब्यौरा मांगा गया है। यह जानकारी आते ही खेल विभाग कौशल रोजगार निगम के जरिए स्टॉफ की भर्ती करेगा ताकि खेल परिसरों की सही से देखरेख हो सके। वर्तमान में स्थिति यह है कि अधिकांश खेल परिसरों में स्टॉफ का अभाव है। इस वजह से से इनकी हालत दिन-ब-दिन बिगड़ रही है।

गौरव गौतम ने कहा कि खेल विभाग अपनी खुद की इंजीनियरिंग विंग बना रहा है। इसके लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है। कुछ पदों पर स्टॉफ प्रतिनियुक्ति से दूसरे विभागों से मांगा है। वहीं ग्राउंड पर टेक्निकल स्टॉफ कौशल रोजगार निगम के जरिए हॉयर किया जाएगा। प्रदेश के 98 खेल स्टेडियम चिह्नित किए हैं, जिनमें विकास कार्य होने हैं।

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