नयी दिल्ली, 10 जून (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने नीट-पीजी-2021 में 1,456 सीट को भरने के लिए विशेष काउंसिलिंग कराने का अनुरोध करने वाली कई याचिकाएं शुक्रवार को खारिज कर दी और कहा कि विशेष काउंसिलिंग न कराने का सरकार और चिकित्सा परिषद का फैसला मनमाना नहीं कहा जा सकता है। न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जा सकता क्योंकि इससे जन स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि विशेष काउंसिलिंग न कराने का सरकार और मेडिकल काउंसिलिंग कमेटी (एमसीसी) का फैसला चिकित्सा शिक्षा और जन स्वास्थ्य के हित में है। पीठ ने कहा, ‘जब भारत सरकार और एमसीसी ने काउंसिलिंग का कोई भी विशेष चरण न कराने का फैसला सोच समझकर लिया है, तो इसे मनमाना नहीं माना जा सकता।’
नर्सिंग : ‘मॉप अप राउंड’ का आदेश देने से इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र तथा भारतीय नर्सिंग परिषद को अकादमिक वर्ष 2021-22 के लिए दिल्ली में नर्सिंग पाठ्यक्रमों की खाली सीटों को भरने के लिए अतिरिक्त ‘मॉप अप राउंड’ (काउंसलिंग)कराने का निर्देश देने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। न्यायालय ने कहा कि प्रवेश प्रक्रिया अनंत काल तक नहीं चल सकती। न्यायमूर्ति एम. आर. शाह और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की अवकाशकालीन पीठ ने दिल्ली के नर्सिंग संस्थानों में करीब 110 सीटें खाली होने का हवाला देते हुए वर्ष 2021-22 के लिए नर्सिंग पाठ्यक्रमों में दाखिला प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली सेंट स्टीफंस हॉस्पिटल कॉलेज ऑफ नर्सिंग और एंजेला बीजू की याचिकाओं को खारिज कर दिया। दिल्ली में नर्सिंग पाठ्यक्रमों में दाखिले की प्रक्रिया अकादमिक सत्र 2021-22 के लिए 31 मार्च, 2022 को खत्म हो गयी।