डॉक्टरों की हड़ताल पर सरकार सख्त, जनहित में संवाद के लिए तैयार
मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री की अपील जनहित में ड्यूटी पर लौटें डॉक्टर, अधिकांश मांगें मान चुकी सरकार
हरियाणा सरकार ने डॉक्टरों की हड़ताल को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि जनहित सर्वोपरि है और समाधान के लिए संवाद खुला है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने डॉक्टरों से तत्काल कार्यस्थल पर लौटने की अपील की। सरकार ने बताया कि डॉक्टरों की चार मुख्य मांगों में से तीन को स्वीकार किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्पेशलाइज्ड डॉक्टर कैडर की अधिसूचना 16 अगस्त, 2024 को जारी हो चुकी है। हॉस्पिटल ड्यूटी के बाहर यात्रा भत्ते का निर्णय 25 अक्तूबर, 2024 को अधिसूचित किया गया। वहीं, एसएमओ की सीधी भर्ती पर रोक भी लागू कर दी गई है। चौथी मांग, यानी एसीपी संरचना में बदलाव पर अभी विचार चल रहा है। सैनी ने डॉक्टरों से अपील की कि वे राजनीति से दूरी बनाकर जनहित को प्राथमिकता दें।
2543 वैकल्पिक डॉक्टरों ने संभाला मोर्चा : स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने कहा कि सरकार पूरी गंभीरता से स्थिति संभाल रही है। उन्होंने बताया कि 9 दिसंबर को 2,543 वैकल्पिक डॉक्टर तैनात किए गए थे, जिनमें 456 डीएमईआर, 424 आयुष, 67 ईएसआई, 50 आयुष्मान भारत पैनल अस्पताल और 639 एनएचएम के डॉक्टर शामिल थे। 10 दिसंबर को भी 2,531 वैकल्पिक डॉक्टर तैनात किए गए, जिसमें 74 हड़ताली डॉक्टर ड्यूटी पर लौट आए।
हड़ताल के बावजूद सेवाएं सुचारू : हड़ताल के बावजूद सरकारी अस्पतालों में सेवाएं सुचारू रहीं। 9 दिसंबर को 69,316 मरीजों ने ओपीडी सेवाएं लीं। 2,433 मरीज भर्ती हुए, 202 ऑपरेशन हुए, 1,498 मरीजों को इमरजेंसी सेवा मिली और 320 प्रसव हुए। साथ ही 1,86,024 दवाएं वितरित की गईं, 136 एमएलआर और 56 पोस्टमॉर्टम तैयार किए गए। सरकार ने स्पष्ट किया कि सभी आवश्यक सेवाओं को बाधित नहीं होने दिया जाएगा।

