नयी दिल्ली, 19 जुलाई (एजेंसी)
संसद के 20 जुलाई से प्रारंभ होने वाले मानसून सत्र से पहले बुधवार को विपक्षी दलों ने मणिपुर की स्थिति के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान की मांग करते हुए ओडिशा रेल हादसे, भारत-चीन सीमा स्थिति, महंगाई, संघीय ढांचे पर प्रहार जैसे मुद्दों पर चर्चा कराने एवं महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने को कहा। सरकार ने कहा कि वह सत्र में नियमों के तहत ऐसे सभी मुद्दों पर चर्चा को तैयार है जिनकी स्वीकृति आसन से मिल जाती है। सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस ने कहा कि अगर सरकार सदन चलाना चाहती है तो उसे विपक्ष को अपनी बात रखने का मौका देना चाहिए।
संसद के बृहस्पतिवार से शुरू होने जा रहे मानसून सत्र में सुचारु कामकाज के लिए चर्चा करने को लेकर केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में दोनों सदनों में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने भाग लिया। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के अलावा कांग्रेस सांसद जयराम रमेश, अधीर रंजन चौधरी शामिल हुए। बैठक में आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल ने भाग लिया। हरसिमरत कौर बादल ने संवाददाताओं से कहा कि लोगों का पैसा बर्बाद नहीं होना चाहिए और सदन में कामकाज चलना चाहिए। सूत्रों ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा बुलाई गयी कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में कहा कि सरकार मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में चर्चा को तैयार है। संसद के मानसून सत्र की शुरुआत 20 जुलाई को होगी। सत्र 11 अगस्त तक चलना प्रस्तावित है।
कांग्रेस ने की मणिपुर, ओडिशा रेल हादसे पर चर्चा की मांग
कांग्रेस ने 20 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र के दौरान सरकार से मणिपुर की स्थिति एवं ओडिशा रेल हादसे जैसे मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग करते हुए बुधवार को कहा कि ताली एक हाथ से नहीं बजती, अगर सरकार सदन चलाना चाहती है तो उसे विपक्ष को अपनी बात रखने का मौका देना चाहिए। सत्र से पहले सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेने के बाद लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, ‘बैठक में हमने संसद के मानसून सत्र के दौरान मणिपुर की स्थिति पर चर्चा कराने की मांग की।’ लोकसभा में कांग्रेस के नेता ने कहा, ‘दो महीने गुजर गए लेकिन प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) चुप हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हम कल कार्यस्थगन प्रस्ताव (चर्चा कराने के लिए) लाना चाहते हैं क्योंकि मणिपुर की स्थिति खराब हो रही है।’