पहलगाम हमले पर सरकार अगले हफ्ते बहस के लिए तैयार
ट्रिब्यून को यह भी पता चला है कि लोकसभा और राज्यसभा दोनों की कार्य मंत्रणा समितियों की बैठकों में विपक्षी दलों ने मतदान के नियमों के तहत चर्चा की मांग की। सूत्रों ने बताया कि सरकार पहलगाम आतंकी हमले, भारतीय सैन्य प्रतिक्रिया और उसके परिणामस्वरूप राजनयिक घटनाओं पर लोकसभा में नियम 184 और राज्यसभा में नियम 167 के तहत बहस की मांग पर सहमत हो गई है।
एक कांग्रेस नेता ने कहा, 'आम चलन यह है कि सरकार लोकसभा में नियम 193 और राज्यसभा में नियम 176 के तहत चर्चा को आगे बढ़ाती है। यह नियम नियमित अल्पकालिक चर्चा की अनुमति देते हैं और इनमें मतदान की आवश्यकता नहीं होती। दूसरी ओर, निचले और ऊपरी सदन में क्रमश: नियम 184 और 167 मतदान की अनुमति देते हैं, साथ ही चर्चा शुरू करने वाले को अंत में बोलने का अधिकार भी देते हैं। ऐसी चर्चा के लिए सरकार के किसी वरिष्ठ मंत्री का जवाब देना भी आवश्यक है।' उन्होंने आगे कहा कि पिछली बार मतदान नियमों के तहत चर्चा की अनुमति लगभग 14 साल पहले यूपीए-2 के शासनकाल में दी गयी थी। हालांकि, सरकार ने अभी तक उन नियमों की पुष्टि नहीं की है, जिनके तहत वह पहलगाम आतंकवादी हमले पर चर्चा करेगी।
मोदी ने मानसून सत्र को ‘विजयोत्सव'
नयी दिल्ली (एजेंसी) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के मानसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर अपेक्षित चर्चा के लिए सरकार का रुख तय करते हुए कहा कि यह सत्र ‘विजयोत्सव' की तरह है। उन्होंने विश्वास जताया कि सभी संसद सदस्य इस भावना को एक स्वर में अभिव्यक्त करेंगे। सत्र शुरू होने से पहले संसद परिसर में मोदी ने कई उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि बम और बंदूक पर संविधान की जीत हो रही है। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद तेजी से कम हो रहा है और ‘रेड जोन' धीरे धीरे ‘हरित विकास क्षेत्र' में बदल रहा है।
विपक्ष को बोलने की अनुमति नहीं मिलती : राहुल
नयी दिल्ली (एजेंसी) : राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में उन्हें सदन में बोलने की अनुमति नहीं दी जाती, जबकि सत्तापक्ष के लोगों को मौके मिलते हैं। उन्होंने कहा कि मानसून सत्र के पहले दिन वह सदन में दो शब्द बोलना चाहते थे, लेकिन इसकी अनुमति नहीं मिली, जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सत्तापक्ष के दूसरे लोगों को बोलने का मौका दिया गया।