गूगल–अदाणी साझेदारी से बनेगा भारत का सबसे बड़ा एआई हब
भारत अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के वैश्विक मानचित्र पर एक नई छलांग लगाने जा रहा है। गूगल और अदाणी समूह मिलकर विशाखापत्तनम में देश का सबसे बड़ा एआई डेटा सेंटर स्थापित करेंगे।
पांच वर्षों में 15 अरब डॉलर (करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये) के निवेश से बनने वाला यह हब अमेरिका के बाहर गूगल का सबसे बड़ा एआई केंद्र होगा, जो भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा देगा।
यह घोषणा ‘भारत एआई शक्ति’ नामक आयोजन के दौरान की गई, जो आगामी ‘इंडिया–एआई इम्पैक्ट समिट 2026’ की तैयारी का हिस्सा था। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू सहित कई दिग्गज मौजूद रहे।
सुंदर पिचाई बोले: भारत बनेगा एआई नवाचार का इंजन
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर पहली बार विशाखापत्तनम में गूगल एआई हब की घोषणा करते हुए गर्व महसूस हो रहा है। यह हब गीगावॉट-स्तरीय कंप्यूटिंग क्षमता, अंतरराष्ट्रीय सबसी केबल गेटवे और ग्रीन एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर से युक्त होगा, जिससे भारत में एआई नवाचार और डिजिटल विकास को अभूतपूर्व गति मिलेगी।’
अदाणी–गूगल गठबंधन से आकार लेगा डिजिटल भारत का भविष्य
अदाणी एंटरप्राइजेज की सहायक कंपनी अदाणीकॉननेक्स (AdaniConneX) और गूगल मिलकर इस विशाखापत्तनम एआई डेटा सेंटर का निर्माण करेंगे।
इस परियोजना में ऊर्जा संचयन प्रणाली, ट्रांसमिशन नेटवर्क और स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन इकाइयों में भी संयुक्त निवेश किया जाएगा।
अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने कहा, ‘यह सिर्फ एक परियोजना नहीं, बल्कि भारत की डिजिटल आत्मा में किया गया निवेश है। यह देश को एआई युग में नेतृत्व प्रदान करेगा।’
पांच वर्षों में 15 अरब डॉलर का निवेश, नई संभावनाएं
गूगल द्वारा कराए गए एक अध्ययन के अनुसार, यह एआई हब 2026 से 2030 के बीच भारत की अर्थव्यवस्था में 15 अरब डॉलर का नया आर्थिक मूल्य जोड़ेगा। यह केंद्र क्लाउड और एआई तकनीकों के विस्तार, स्टार्टअप्स के सशक्तिकरण और रोजगार सृजन का मुख्य केंद्र बनेगा।
सीतारमण बोलीं: ‘भारत अब नीतिगत रूप से तैयार राष्ट्र’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि
‘2014 से प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में डिजिटल नीतियों ने भारत को नई दिशा दी है। आंध्र प्रदेश इस निवेश के लिए सबसे उपयुक्त स्थान है, और नायडू ने पहले भी दिखाया है कि कैसे तकनीकी ढांचे को वैश्विक स्तर पर ले जाया जा सकता है।’
एक नजर में: विशाखापत्तनम एआई हब
- निवेश राशि: 15 अरब डॉलर
- अवधि: 2026–2030
- साझेदार: गूगल, अदाणीकॉननेक्स, एयरटेल
- विशेषताएं: गीगावॉट कंप्यूट क्षमता, सबसी केबल नेटवर्क, स्वच्छ ऊर्जा संयंत्र
- लक्ष्य: भारत को वैश्विक एआई नवाचार और डिजिटल शक्ति का केंद्र बनाना