सुरेश एस. डुग्गर
जम्मू, 4 जनवरी
वैष्णो देवी की यात्रा पर आने वालों के लिए खुशखबरी यह है कि माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने अपने फैसले को पलटते हुए फिलहाल दर्शनों की खातिर तत्काल पर्ची की सुविधा को बंद न करने का फैसला किया है। श्राइन बोर्ड का कहना है कि आनलाइन सुविधा में अभी समय लगेगा और तत्काल पर्ची सिस्टम भी जारी रहेगा।
श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि माता वैष्णो देवी की यात्रा के लिए तत्काल पंजीकरण केंद्र फिलहाल काम करते रहेंगे। यात्रा के पंजीकरण के लिए शत-प्रतिशत आनलाइन व्यवस्था कब से प्रभावी होगी, इस बारे में अभी कोई समय सीमा स्पष्ट नहीं की गई है। इसलिए श्रद्धालु पंजीकरण केंद्रों से यात्रा पर्ची लेकर वैष्णो देवी भवन के लिए निर्बाध प्रस्थान करते रहेंगे। श्राइन बोर्ड के सीईओ रमेश कुमार ने बताया कि यात्रा के लिए शत-प्रतिशत पंजीकरण का फैसला श्राइन बोर्ड की हाई लेवल मीटिंग में लिया गया है। यह आने वाले दिनों में पूरी तरह से लागू किया जाएगा। फिलहाल, आधार शिविर कटड़ा में पंजीकरण केंद्र खुले रहेंगे और यात्री पर्ची मिलती रहेगी। इस दौरान शत-प्रतिशत आनलाइन पंजीकरण को लेकर श्रद्धालुओं को जागरूक किया जाएगा।
श्रद्धालुओं की जानकारी के लिए, वैष्णो देवी की यात्रा के लिए यात्रा पर्ची अनिवार्य है। इसके बिना यात्रा करने की अनुमति किसी को भी नहीं है। हालांकि करीब 6 साल पहले टोकन ग्रुप नंबर सिस्टम काम करता था जिसके तहत दर्शन करने वालों को अपने ग्रुप की बारी का इंतजार करना होता था। पर अब कोई भी किसी भी समय लाइन में लगता है जिस कारण अधिकतर भीड़ हो जाती है।
कटरा होटल व रेस्तरां संघ के प्रधान राकेश वजीर ने कहा कि श्राइन बोर्ड द्वारा शत-प्रतिशत पंजीकरण का फैसला स्वागत योग्य है। इससे अनायास भीड़ नहीं होगी। उन्होंने कहा कि आधार शिविर पर जो पंजीकरण केंद्र हैं, वह करंट आनलाइन व्यवस्था के तहत हैं। लिहाजा, बोर्ड को यह सभी केंद्र चालू रखना चाहिए। इसके साथ ही इन केंद्रों की संख्या और बढ़ानी चाहिए।
दरअसल, वैष्णो देवी भवन पर नए साल के पहले दिन हुई भगदड़ में 12 श्रद्धालुओं की जान चली गई थी। इसके बाद माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक हुई थी। इसमें यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने और पंजीकरण को सौ प्रतिशत आनलाइन करने के निर्देश दिए गए थे। हालांकि, यह व्यवस्था कब से लागू होगी, इस बारे में स्पष्ट नहीं किया गया था।