Geopolitical Tensions : अमेरिका के ऐप्स पर बढ़ती निर्भरता भारत के लिए चिंता, जीटीआरआई ने दी चेतावनी
Geopolitical Tensions : भू-राजनीतिक तनाव के दौर में भारत की अमेरिकी सॉफ्टवेयर, क्लाउड सेवाओं और सोशल मीडिया मंच पर निर्भरता एक बड़ी आर्थिक और सुरक्षा संबंधी कमजोरी है। शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने रविवार को यह आशंका जताई।
इसने कहा कि अमेरिका बैंकिंग, शासन और रक्षा प्रणालियों को प्रभावित करते हुए सेवाओं या डेटा तक पहुंच को बाधित करने की स्थिति में है। शोध संस्थान ने यह भी कहा कि अमेरिका विदेशी मंच के माध्यम से सार्वजनिक संवाद को नियंत्रित कर रहा है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव ने कहा, ''भारत की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा अमेरिकी सॉफ्टवेयर, क्लाउड और सोशल मीडिया मंच पर अत्यधिक निर्भर है, जो भू-राजनीतिक तनाव के दौर में एक बड़ी कमजोरी का कारण बन रही है।''
जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘इस समस्या के समाधान के लिए सरकार को ‘डिजिटल स्वराज मिशन' शुरू करना चाहिए, जिसके केंद्र में अपना क्लाउड, स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस), घरेलू साइबर सुरक्षा और डेटा-संचालित एआई नेतृत्व हो।'' उन्होंने आगे कहा कि यूरोप पहले से ही अपने क्लाउड का निर्माण कर रहा है और डिजिटल मार्केट्स एक्ट को लागू कर रहा है।
चीन ने भी सरकारी, रक्षा और औद्योगिक प्रणालियों में विदेशी कोड को स्वदेशी मंच से बदल दिया है। उन्होंने इस मुद्दे को स्पष्ट करते हुए कहा कि अगर अमेरिकी तकनीकी दिग्गज विंडोज, एंड्रॉइड या क्लाउड सेवाओं पर रोक लगा देते हैं, तो भारत की पूरी डिजिटल रीढ़ रातोंरात चरमरा सकती है। श्रीवास्तव ने आगाह किया कि 50 करोड़ से ज्यादा भारतीय स्मार्टफोन गूगल के एंड्रॉइड पर चलते हैं, जिससे देश का संचार अमेरिकी फैसलों पर निर्भर हो जाता है।