मुख्य समाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाफीचरसंपादकीयआपकी रायटिप्पणी

G-7 summit : जी-7 के नेताओं से बोले PM मोदी- आतंकवाद की चुनौती की ओर आंखे न मूंदें 

आतंकवाद का समर्थन करने वाले किसी भी देश को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए 
Advertisement
कनैनिस्किस (कनाडा), 18 जून (भाषा)
G-7 summit : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी-7 नेताओं से कहा कि भारत का पड़ोस आतंकवाद का प्रजनन स्थल बन गया है। इस चुनौती की ओर से आंखें मूंदना "मानवता के साथ विश्वासघात" होगा। उन्होंने सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
जी-7 संपर्क सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुआ हमला प्रत्येक भारतीय की "आत्मा, पहचान और गरिमा" पर सीधा हमला था। आतंकवाद का समर्थन करने वाले किसी भी देश को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और उसे इसकी कीमत चुकानी चाहिए। आतंकवाद से निपटने में "दोहरे मानदंडों" के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए, तथा उन्होंने सवाल किया कि क्या आतंक फैलाने वालों और इससे पीड़ित लोगों को "एक ही तराजू पर तौला जाना चाहिए।
मोदी मंगलवार को ऊर्जा सुरक्षा पर जी7 संपर्क सत्र को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। यह लोकतांत्रिक मूल्यों को कायम रखने वाले सभी देशों के विरोध में खड़ा है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुटता जरूरी है। दुर्भाग्यवश, हमारा अपना पड़ोस आतंकवाद का प्रजनन स्थल बन गया है। वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए हमारी सोच और हमारी नीतियां अत्यंत स्पष्ट होनी चाहिए - जो भी देश आतंकवाद का समर्थन करता है, उसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और उसकी कीमत चुकानी चाहिए। वास्तविकता इसके बिल्कुल विपरीत है।
एक तरफ हम अपनी प्राथमिकता के आधार पर हर तरह के प्रतिबंध लगाने में जल्दबाजी करते हैं। दूसरी तरफ, जो देश खुले तौर पर आतंकवाद का समर्थन करते हैं, उन्हें पुरस्कृत किया जाता है। प्रधानमंत्री ने पूछा कि क्या हम वाकई आतंकवाद से निपटने के लिए गंभीर हैं? क्या हम आतंकवाद का सही मतलब तभी समझ पाएंगे जब वह हमारे दरवाज़े पर दस्तक देगा? क्या आतंक फैलाने वालों और इससे पीड़ित लोगों को एक ही तराजू पर तौला जा सकता है? क्या हमारी वैश्विक संस्थाओं पर अपनी विश्वसनीयता खोने का खतरा है? प्रधानमंत्री ने आतंकवाद से निपटने के लिए निर्णायक वैश्विक कार्रवाई का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि यदि हम मानवता के खिलाफ खड़े इस आतंकवाद के खिलाफ आज निर्णायक कार्रवाई नहीं करते हैं, तो इतिहास हमें कभी माफ नहीं करेगा। निहित स्वार्थों के लिए आतंकवाद की ओर आंखें मूंद लेना, या आतंक या आतंकवादियों को समर्थन देना, समस्त मानवता के साथ विश्वासघात है। आतंकवाद के मामले में दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। हाल में भारत को एक क्रूर और कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले का सामना करना पड़ा। 22 अप्रैल को हुआ आतंकवादी हमला सिर्फ पहलगाम पर हमला नहीं था, बल्कि प्रत्येक भारतीय की आत्मा, पहचान और सम्मान पर सीधा हमला था।
यह पूरी मानवता पर हमला था। मैं उन सभी मित्रों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा की। ऊर्जा सुरक्षा पर मोदी ने कहा कि भावी पीढ़ियों के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना "हमारी सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। हम इसे न केवल प्राथमिकता मानते हैं, बल्कि अपने नागरिकों के प्रति जिम्मेदारी भी मानते हैं। उपलब्धता, पहुंच, सामर्थ्य और स्वीकार्यता के मूल सिद्धांतों पर आगे बढ़ते हुए, भारत ने समावेशी विकास का मार्ग चुना है। सभी देशों का ऊर्जा परिवर्तन की दिशा में मिलकर आगे बढ़ना आवश्यक है। हमें "मैं नहीं, बल्कि हम" की भावना के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
Advertisement
Tags :
Dainik Tribune Hindi NewsDainik Tribune Latest NewsDainik Tribune newsG-7 SummitHindi Newslatest newsNarendra ModiPakistanदैनिक ट्रिब्यून न्यूजहिंदी न्यूजहिंदी समाचार

Related News