भगोड़े मेहुल चोकसी को बेल्जियम में झटका
भारत प्रत्यर्पण से बचने की कोशिश कर रहे भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम की अदालत में झटका लगा है। अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि ऐसा कोई जोखिम नहीं है कि उसके प्रत्यर्पण के बाद भारत में निष्पक्ष सुनवाई नहीं होगी।
अदालत ने यह रेखांकित किया कि वह यातना, अमानवीय या अपमानजनक व्यवहार का सामना करने के किसी भी ‘गंभीर जोखिम’ के दावे को साबित करने में विफल रहा है। एंटवर्प में अपील न्यायालय की चार सदस्यीय पीठ को जिला अदालत के ‘प्री-ट्रायल चैंबर’ द्वारा 29 नवंबर, 2024 को जारी किए गए आदेशों में कोई खामी नहीं मिली, जिसमें चोकसी के प्रत्यर्पण की अनुमति दी गई है।
जिला अदालत ने मुंबई की विशेष अदालत द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट को ‘लागू होने योग्य’ बताया था, जिसे अपील अदालत ने 17 अक्तूबर के अपने आदेश में बरकरार रखा है। अपील अदालत ने माना है कि चोकसी द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेज उसके इस दावे की पुष्टि नहीं करते कि वह एक राजनीतिक हस्तक्षेप का शिकार हो सकता है। चोकसी लंदन की जेल में बंद अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ मिलीभगत करके पंजाब नेशनल बैंक में 13,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में वांछित है।