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आसमान से भारत मानचित्र से कहीं भव्य विचित्र

पीएम मोदी से बातचीत में बोले शुभांशु शुक्ला- रोज देखते हैं 16 सूर्योदय और 16 सूर्यास्त
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नयी दिल्ली, 28 जून (एजेंसी)

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला से कहा कि उनकी अंतरिक्ष यात्रा नये युग की शुरुआत का प्रतीक है तथा यह भारत के गगनयान मिशन की दिशा में पहला कदम है। दोनों के बीच 18 मिनट तक चली बातचीत के अंत में प्रधानमंत्री ने 'भारत माता की जय' का नारा लगाया, तो शुक्ला ने भी उनके साथ नारा लगाया और इस तरह अंतरिक्ष स्टेशन 'भारत माता की जय' के नारे से गूंज उठा। प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से वीडियो लिंक के जरिए बातचीत में शुक्ला से कहा, ‘शुभांशु, आज आप भारत की धरती से सबसे दूर हैं, लेकिन हर भारतीय के दिल के सबसे करीब हैं।' आईएसएस 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर धरती की परिक्रमा कर रहा है। मोदी ने कहा कि शुक्ला के नाम में ‘शुभ' शब्द है और उनकी यात्रा नये युग की शुभ शुरुआत का प्रतीक है।

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शुक्ला ने प्रधानमंत्री से कहा, ‘मेरी अंतरिक्ष यात्रा सिर्फ मेरी नहीं है, बल्कि यह हमारे देश की भी यात्रा है।' उन्होंने कहा कि वह इन ‘नए अनुभवों को स्पंज की तरह' आत्मसात कर रहे हैं। अंतरिक्ष स्टेशन पर सूक्ष्म-गुरुत्वाकर्षण स्थितियों में अपने अनुभव साझा करते हुए अंतरिक्ष यात्री ने कहा, ‘यहां सब कुछ अलग है।' उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा, ‘हमने एक साल तक प्रशिक्षण लिया और विभिन्न प्रणालियों के बारे में सीखा... लेकिन यहां आने के बाद सब कुछ बदल गया... यहां छोटी-छोटी चीजें भी अलग हैं, क्योंकि अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण नहीं है... यहां सोना एक बड़ी चुनौती है... इस वातावरण में अभ्यस्त होने में कुछ समय लगता है।'

शुक्ला ने कहा कि अंतरिक्ष स्टेशन प्रतिदिन पृथ्वी की 16 बार परिक्रमा करता है तथा उन्हें प्रतिदिन 16 सूर्योदय और 16 सूर्यास्त देखने का सौभाग्य प्राप्त होता है। उन्होंने कहा, ‘फिलहाल हम 28,000 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से यात्रा कर रहे हैं। यह गति दर्शाती है कि हमारा देश कितनी तेजी से प्रगति कर रहा है और अब हमें इससे भी आगे जाना होगा।'

शुक्ला ने प्रधानमंत्री को बताया, ‘जब मैंने पहली बार अंतरिक्ष से भारत को देखा, तो यह मानचित्र की तुलना में कहीं अधिक बड़ा और भव्य दिखाई दिया।' शुक्ला ने कहा, ‘आप वास्तव में एकत्व की भावना महसूस कर सकते हैं, यहां कोई सीमा नहीं है, कोई रेखा नहीं है। ऐसा लगता है, जैसे यह पूरी धरती हमारा घर है और हम सभी इसके नागरिक हैं।'

प्रधानमंत्री ने शुक्ला से कहा कि उनकी अंतरिक्ष यात्रा देश के युवाओं के लिए बड़ी प्रेरणा का स्रोत बनेगी। शुक्ला ने प्रधानमंत्री को बताया कि वह अपने साथ गाजर का हलवा, मूंग दाल का हलवा और आम रस लेकर आए हैं, जिसका अंतरिक्ष स्टेशन पर मौजूद साथी अंतरिक्ष यात्रियों ने खूब लुत्फ उठाया। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर अब छह देशों के 11 अंतरिक्ष यात्री हैं।

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