नयी दिल्ली, 22 अप्रैल (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ब्रिटिश समकक्ष बोरिस जॉनसन ने शुक्रवार को एक नये एवं विस्तारित भारत-ब्रिटेन रक्षा गठजोड़ पर सहमति व्यक्त की तथा इस वर्ष के अंत तक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत को अंतिम रूप देने का निर्णय किया। दोनों नेताओं ने ‘रोडमैप 2030’ सहित द्विपक्षीय संबंधों के सभी आयामों की समीक्षा की तथा विभिन्न क्षेत्रों में गठजोड़ को और गहरा बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन को भारत के राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।
दोनों नेताओं के बीच विस्तृत चर्चा के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज हम एक नयी, विस्तारित रक्षा और सुरक्षा साझेदारी पर सहमत हुए हैं। यह हमारे संबंधों को प्रगाढ़ बनाने की दशकों पुरानी प्रतिबद्धता और साथ ही नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया के लक्ष्य की दिशा में भी है।’ जॉनसन ने प्रधानमंत्री मोदी को अपना ‘खास दोस्त’ बताया। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन भारत पर केंद्रित मुक्त सामान्य निर्यात लाइसेंस बनाने पर काम कर रहा है, जिससे रक्षा खरीद में कम समय लगेगा।
जॉनसन ने कहा कि दोनों पक्षों ने जमीन, समुद्र, वायु क्षेत्र और साइबर क्षेत्र सहित नये खतरों से निपटने के लिए साथ काम करने पर भी सहमति व्यक्त की। ब्रिटेन नये लड़ाकू विमानों और नौवहन प्रौद्योगिकी पर भारत के साथ सहयोग करेगा, साथ ही समुद्र में खतरों को लेकर भी प्रतिक्रिया देगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज की बातचीत में हमने रोडमैप-2030 में हुई प्रगति की समीक्षा की और आगामी समय के लिए कुछ लक्ष्य भी तय किए। हमने इस साल के अंत तक एफटीए को अंतिम रूप देने की दिशा में पूरा प्रयास करने का निर्णय किया है। जॉनसन ने कहा कि हमने इसे अक्तूबर या दीपावली तक पूरा करने को कहा है। इससे हमारा कारोबार एवं निवेश एक दशक में दोगुना हो सकता है। बैठक में दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर हो रहे अन्य घटनाक्रमों पर भी चर्चा की और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समावेशी व नियम-आधारित व्यवस्था बनाए रखने पर जोर दिया।
‘कट्टरपंथी समूहों को बर्दाश्त नहीं करता ब्रिटेन’
खालिस्तानी तत्वों के बारे में भारत की चिंताओं पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि ब्रिटेन अपने देश में सक्रिय और किसी दूसरे देश को निशाना बनाने वाले कट्टरपंथी समूहों को बर्दाश्त नहीं करता है। यूक्रेन के खिलाफ रूसी हमले पर भारत के रुख पर उन्होंने कहा कि बूचा में जो हुआ, उसके खिलाफ भारत मजबूती से सामने आया।