नयी दिल्ली, 3 जनवरी (एजेंसी)विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) भारतीय बजारों में लगातार तीसरे महीने शुद्ध लिवाल रहे और दिसंबर में 68,558 करोड़ रुपये निवेश किये। वैश्विक निवेशक उभरते बाजारों में निवेश बढ़ा रहे हैं और भारत उसमें से बड़ा हिस्सा हासिल करने में सफल रहा है। डिपोजिटरीज आंकड़े के अनुसार विदेशी निवेशकों ने दिसंबर महीने में शेयरों में शुद्ध रूप से रिकार्ड 62,016 करोड़ रुपये निवेश किये, जबकि बांड में 6,542 करोड़ रुपये लगाये। नेशनल सिक्योरिटीज डिपोजिटरी लि. द्वारा एफपीआई आंकड़ा उपलब्ध कराये जाने के बाद से इक्विटी खंड में यह सर्वाधिक निवेश है। इससे पहले, एफपीआई ने नवंबर माह में इक्विटी में सर्वाधिक 60,358 करोड़ रुपये निवेश किये थे। शुद्ध रूप से कुल निवेश दिसंबर महीने में 68,558 करोड़ रुपये रहा। आंकड़े के अनुसार एफपीआई अक्टूबर और नवंबर में शुद्ध रूप से लिवाल रहे थे। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने अक्टूबर में 22,033 करोड़ रुपये तथा नवंबर में 62,951 करोड़ रुपये निवेश किये। ग्रो के संस्थापक और मुख्य परिचालन अधिकारी हर्ष जैन ने कहा, ‘विदेशी निवेशक कुछ प्रमुख कंपनियों के शेयरों से पैसा निकाल लघु एवं मझोले आकार की कंपनियों में लगा सकते हैं। इसका कारण बड़ी कंपनियों के शेयरों ने अबतक निवेश आकर्षित किया है और अब उच्च मूल्य पर पहुंच गये हैं।’ जैन ने कहा कि टीके की सफलता आर्थिक गतिविधियों को लेकर एक भरोसा ला सकती है। इससे निवेश में तेजी 2021 में भी बनी रह सकती है।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।