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Panchang 26 February 2025: महाशिवरात्रि पर चार प्रहर की पूजा होती है विशेष फलदायी, यहां पढ़ें पूजा मुहूर्त का समय

Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के उपलक्ष्य में मनाया जाता है
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वाराणसी में महाशिवरात्रि के अवसर पर पुजारी काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा विश्वनाथ की मंगला आरती की तैयारी करते हुए। पीटीआई फोटो
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चंडीगढ़, 26 फरवरी (ट्रिन्यू)

Mahashivratri 2025: आज महाशिवरात्रि का पावन पर्व है, जो भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। पंडित अनिल शास्त्री के अनुसार इस दिन रात्रि के चारों प्रहर में भगवान शिव की पूजा आराधना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। चार प्रहर की पूजा से मनुष्य को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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इन मुहूर्तों में भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है। पूजा में शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, गंगाजल, बेलपत्र, भांग, धतूरा, चंदन आदि अर्पित करें। साथ ही, 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें और रात्रि जागरण का संकल्प लें।

महाशिवरात्रि पर चार प्रहर पूजा मुहूर्त

प्रथम प्रहर 26 फरवरी, शाम 6:19 बजे से रात 9:26 बजे तक

द्वितीय प्रहर 26 फरवरी, रात 9:26 बजे से रात 12:34 बजे तक

तृतीय प्रहर  26 फरवरी देर रात 12:34 बजे से सुबह 3:41 बजे तक

चतुर्थ प्रहर  27 फरवरी सुबह 3:41 बजे से सुबह 6:48 बजे तक

Panchang 26 February 2025: राष्ट्रीय मिति फाल्गुन 07, शक संवत 1946

विक्रम संवत 2081

सौर फाल्गुन मास प्रविष्टे 15

अंग्रेजी तिथि 26 फरवरी 2025

वार बुधवार

सूर्योदय प्रातः 6:48 बजे

सूर्यास्त सायं 6:19 बजे

तिथि त्रयोदशी (प्रातः 11:09 बजे तक), तत्पश्चात चतुर्दशी

नक्षत्र श्रवण (सायं 5:23 बजे तक), तत्पश्चात धनिष्ठा

योग परिधि (रात्रि 2:57 बजे तक), तत्पश्चात शिव

करण वणिज (प्रातः 11:09 बजे तक), तत्पश्चात शकुनि

चंद्रमा की राशि मकर (अगले दिन प्रातः 4:37 बजे तक), तत्पश्चात कुंभ

राहुकाल दोपहर 12:00 बजे से 1:30 बजे तक

विजय मुहूर्त दोपहर 2:29 बजे से 3:15 बजे तक

निशीथ काल रात्रि 12:09 बजे से 12:59 बजे तक

गोधूलि बेला सायं 6:17 बजे से 6:42 बजे तक

व्रत/त्योहार महाशिवरात्रि

डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।

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