इमाम-डॉक्टर सहित चार लोग 10 दिन के लिए एनआईए के हवाले
दिल्ली ब्लास्ट : मेवात से कश्मीर तक जांच एजेंसियों की ताबड़तोड़ कार्रवाई
दिल्ली में लाल किले के पास 10 दिसंबर को हुए ब्लास्ट मामले में एनआईए ने जांच तेज कर दी है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, एनआईए और अन्य केंद्रीय एजेंसियां 10 दिनों से विभिन्न राज्यों में छापेमारी और पूछताछ कर रही हैं। बृहस्पतिवार को एनआईए ने अदालत में पेशी के बाद डॉ. मुजम्मिल, डॉ. अदील राथर, डॉ. शाहीन सईद और मौलवी इरफान अहमद को 10 दिन की एनआईए हिरासत में लिया है। ये चारों 10 नवंबर को लाल किले के निकट हुए कार विस्फोट में आरोपित हैं, जिसमें 15 लोगों की मौत हुई थी। उनकी हिरासत एनआईए को सौंपे जाने के साथ ही केंद्रीय एजेंसी द्वारा आरोपित लोगों की संख्या छह हो गई है। एनआईए पहले ही दो लोगों आमिर राशिद अली और जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश को गिरफ्तार कर चुकी है।
दूसरी ओर नूंह के मेवात क्षेत्र से अब तक 10 संदिग्ध हिरासत में लिये गये, जिनमें एक महिला अफसाना भी शामिल है। जांच एजेंसियों के अनुसार, ये लोग मुख्य आरोपी उमर से सीधे या परोक्ष रूप से जुड़े थे। उनके मोबाइल फोन और सोशल मीडिया चैट की विस्तृत जांच की जा रही है। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश के महू में अल फ्लाह यूनिवर्सिटी से जुड़े जवाद सिद्दीकी के पारिवारिक मकान पर बिना अनुमति निर्माण के मामले में नोटिस जारी किया गया है। मुख्य आरोपी डॉ. उमर-उन-नबी इसी यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर था और कई संदिग्धों के यूनिवर्सिटी से जुड़े होने की जांच जारी है। जांच एजेंसियों के अनुसार, लगातार मिल रहे नए इनपुट से आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां संभव हैं।
डॉ. मुजम्मिल ने दिलाए थे 15 फर्जी सिम कार्ड, मरीज भी रडार पर
फरीदाबाद (राजेश शर्मा/हप्र) : जांच एजेंसियों के रडार पर चल रही अल फ्लाह यूनिवर्सिटी के सफेदपोश आतंकी डॉक्टर अस्पताल में आने वाले जरूरतमंद लोगों को अपना हथियार बनाते थे। धौज मस्जिद के इमाम के इस्तियाक और सिरोह मस्जिद के इमाम इमामुद्दीन के बाद अब मोबाइल विक्रेता साबिर सामने आया है, जिसकी पहले आतंकी डॉ. मुजम्मिल ने मदद की फिर उससे कश्मीरी छात्रों को सिम उपलब्ध करवाए। सूत्रों के अनुसार आठ महीने पहले साबिर अल फलाह अस्पताल में अपने परिवार के किसी सदस्य का इलाज कराने के लिए लेकर आया था। वहां पर मुजम्मिल और साबिर की पहली मुलाकात हुई। उसी दुकान से आतंकी डाक्टर ने कश्मीरी छात्रों के लिए 15 सिम भी लिए। जांच दायरे में कुछ मरीज भी सामने आए हैं। एजेंसियां उनका डिटेल खंगाल रही हैं। इस बीच, पंजाब पुलिस भी बृहस्पतिवार को छात्रों और स्टाफ से पूछताछ के लिए अल यूनिवर्सिटी पहुंची। इस बीच, अभिभावक बच्चों के भविष्य को लेकर परेशान हैं। चंडीगढ़ निवासी अभिभावक कृष्णपाल सिंह एडवोकेट ने बताया कि जब भी यूनिर्वसिटी प्रबंधकों से बात करते हैं, वे गोलमोल जवाब देते हैं।
चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों के लॉकरों की जांच की गई
श्रीनगर (एजेंसी) : जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों ने सख्ती बढ़ाते हुए अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों के लॉकरों की बड़े पैमाने पर जांच की। इसी कॉलेज के डॉ. अदील राथर के लॉकर से पहले एके-47 राइफल मिली थी, जिसके बाद करीब 2,900 किलोग्राम विस्फोटक बरामद किए गए और ‘सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल का खुलासा हुआ।

