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चार पर्वतारोहियों ने मणिरंग चोटी पर फहराया तिरंगा

हिमाचल प्रदेश स्थित मणिरंग चोटी (6,593 मीटर) को चार पर्वतारोहियों की टीम ने सफलतापूर्वक फतह किया। पिछले दिनों इस टीम ने इस शिखर पर तिरंगा लहराया। इस अभियान का नेतृत्व पेशेवर पर्वतारोही और आउटडोर एजुकेटर विशाल ठाकुर ने किया। उनके...

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हिमाचल प्रदेश स्थित मणिरंग चोटी (6,593 मीटर) को चार पर्वतारोहियों की टीम ने सफलतापूर्वक फतह किया। पिछले दिनों इस टीम ने इस शिखर पर तिरंगा लहराया। इस अभियान का नेतृत्व पेशेवर पर्वतारोही और आउटडोर एजुकेटर विशाल ठाकुर ने किया। उनके साथ दल में अमन चौहान, बृज मोहन केवला और तेजा सिंह शामिल रहे। यह अभियान अल्पाइन एक्सपीडिशन में किया गया, जिसे पर्वतारोहण की सबसे कठिन शैली माना जाता है। अल्पाइन अभियान में पर्वतारोही पूरी तरह आत्मनिर्भर रहते हैं। न कोई पोर्टर, न गाइड, न कुक और न ही घोड़े। टीम को अपना सारा बोझ, तकनीकी उपकरण और भोजन खुद ढोना व तैयार करना पड़ता है। यह अभियान मात्र 6 दिनों में सफलतापूर्वक पूरा हुआ।

गौरतलब है कि विशाल ठाकुर ने अगस्त माह में भी मानीरंग शिखर पर चढ़ाई का प्रयास किया था, लेकिन लगातार बारिश और खराब मौसम ने उन्हें रोक दिया। हालांकि हार न मानते हुए उन्होंने सितंबर में एक नयी टीम का गठन किया और दोबारा अभियान शुरू किया। विशाल ठाकुर हिमालय की ऊंचाइयों से अनजान नहीं हैं। उन्होंने इससे पहले भी कई कठिन और तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण शिखरों पर विजय प्राप्त की है। इनमें उत्तराखंड स्थित ब्लैक पीक (काला नाग), कालिंदी खाल एक्सपीडिशन, मनाली की फ्रेंडशिप पीक, पिन पार्वती पास और लाहौल- स्पीति क्षेत्र की युनम पीक, कनामो पीक व अन्य कई ट्रैक्स और पास का सफल अभियान कर चुके हैं। उनकी ये उपलब्धियां साबित करती हैं कि वे एक अनुभवी और दृढ़ पर्वतारोही हैं, जिन्होंने वर्षों के अभ्यास और कठिन परिश्रम से हिमालयी चोटियों को जीतने की क्षमता विकसित की है।

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मणिरंग चोटी की चढ़ाई को पर्वतारोहण जगत में अत्यंत कठिन और जोखिम भरा माना जाता है। इस अभियान की सफलता पर विशाल ने कहा, 'मणिरंग हमारे लिए सिर्फ़ एक चोटी नहीं थी, यह साहस, धैर्य और विश्वास की परीक्षा थी। अगस्त में मौसम ने हमें रोका, लेकिन सितंबर में हमने ठान लिया कि अब पीछे नहीं हटेंगे।' इस अभियान को शुरू करने से पहले टीम ने इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन (आईएमएऊ) से अधिकृत अनुमति, एडवेंचर इंश्योरेंस, व अन्य परमिट लिए।

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