ज्ञान ठाकुर/निस
शिमला, 3 अक्तूबर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ज़िला कुल्लू के मनाली में 3500 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बनी अटल टनल को आज देश को समर्पित किया। इस मौके पर रोहतांग की सुरंग के साउथ पोर्टल पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व यूपीए सरकार पर लम्बे समय तक देश के रक्षा हितों से समझौते का आरोप लगाया और कहा कि यूपीए सरकार ने लम्बे समय तक रणनीतिक महत्व की सड़क परियोजनाओं, पुलों और सुरंगों के निर्माण में देश के विभिन्न हिस्सों में देरी की। उन्होंने कहा कि रोहतांग सुरंग के निर्माण में भी पूर्व यूपीए सरकार ने कोई राजनीतिक इच्छा शक्ति नहीं दिखाई। मोदी ने कहा कि 2014 में एनडीए सरकार के सत्ता संभालने के बाद देश के सीमावर्ती इलाकों में कनेक्टिविटी बढ़ाने को प्राथमिकता दी गई ताकि देश की सीमाओं को और मजबूत किया जा सके। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 तक अटल टनल रोहतांग का काम बहुत धीमी गति से चलता रहा और यदि इस सुरंग के निर्माण की यही गति रहती तो ये सुरंग 2040 में बनकर तैयार होती। एनडीए सरकार ने सत्ता संभालने के बाद इसके निर्माण में तेजी लाई और एक साल में केवल 300 मीटर सुरंग के निर्माण को बढ़ाकर 1400 मीटर प्रतिवर्ष कर दिया।
प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि लेह-लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी में हवाई पट्टी के निर्माण को भी पूरी तरह नजरअंदाज किया गया। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर वन रैंक वन पेंशन का जिक्र किया और कहा कि उनकी सरकार ने दशकों लम्बी इस मांग को पूरा किया तथा देश के लाखों पूर्व सैनिकों को आज इसका लाभ मिल रहा है। प्रधानमंत्री ने खुद को हिमाचल से भावनात्मक रूप से जोड़ते हुए कहा कि वह जहां संगठन का काम देखते थे और यहां की घाटी व नदी नालों से व्यक्तिगत तौर पर परिचित हैं। उन्होंने कहा कि इसी दौरान उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के साथ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से मिलकर रोहतांग सुरंग का मुद्दा उठाया जो आज साकार हो गया। प्रधानमंत्री ने रक्षा मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय को अटल टनल को अध्ययन से जोड़ने का भी सुझाव दिया ताकि इंजीनियरिंग की इस अनोठी मिसाल को पूरी दुनिया जान सके और भारत का लोहा मान सके।