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पूर्व रॉ प्रमुख किताब के लिए ‘सस्ती लोकप्रियता’ का ले रहे सहारा : फारुक अब्दुल्ला

श्रीनगर, 16 अप्रैल (एजेंसी) जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने बुधवार को भारतीय खुफिया संस्था ‘रिसर्च एंड एनालिसिस विंग’ (रॉ) के पूर्व प्रमुख ए.एस. दुलत के इस दावे को खारिज कर दिया कि उन्होंने अनुच्छेद 370 को हटाने का...
फोटो -प्रेट्र
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श्रीनगर, 16 अप्रैल (एजेंसी)

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने बुधवार को भारतीय खुफिया संस्था ‘रिसर्च एंड एनालिसिस विंग’ (रॉ) के पूर्व प्रमुख ए.एस. दुलत के इस दावे को खारिज कर दिया कि उन्होंने अनुच्छेद 370 को हटाने का ‘‘निजी तौर पर समर्थन’’ किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि दुलत अपनी आगामी किताब के प्रचार के लिए इस तरह की ‘सस्ती लोकप्रियता’ का सहारा ले रहे हैं। अब्दुल्ला ने कहा कि दुलत की किताब ‘द चीफ मिनिस्टर एंड द स्पाई’ लिखने के पीछे की मंशा सत्ता तक पहुंच बनाने या बहुत सारा पैसा कमाने की हो सकती है। उन्होंने कहा, ‘संभव है कि वह कोई नया रिश्ता बनाना चाहते हों।’ दुलत की किताब ‘द चीफ मिनिस्टर एंड द स्पाई’ का 18 अप्रैल को विमोचन होने वाला है। उन्होंने दुलत के इस दावे को खारिज कर दिया कि यदि नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) को विश्वास में लिया गया होता तो वह पूर्ववर्ती राज्य के विशेष दर्जे को समाप्त करने के प्रस्ताव को पारित कराने में मदद करती। नेकां अध्यक्ष अब्दुल्ला (87) ने इस पर कहा कि यह लेखक की महज ‘‘कल्पना’’ है। अब्दुल्ला ने कहा कि पांच अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के समय उन्हें और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला को कई महीनों तक नजरबंद रखा गया था। उन्होंने कहा, ‘हमें हिरासत में लिया गया क्योंकि विशेष दर्जे को खत्म करने के खिलाफ हमारा रुख जगजाहिर था।’ अब्दुल्ला ने दुलत के दावों पर निराशा जताई। उन्होंने कहा, ‘‘सबसे बुरी बात यह है कि वह मेरा दोस्त होने का दावा करते हैं, और जैसा कि कहा गया है, ‘शरीर का जख्म ठीक हो जाता है, लेकिन दिल पे लगी चोट जीवन भर रहती है।’ मुझे लगता है कि उन्होंने सस्ती लोकप्रियता के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाए हैं।’

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