पूर्व IAS अधिकारी कन्नन गोपीनाथन कांग्रेस में शामिल, इस वजह से छोड़ी थी नौकरी
Kannan Gopinathan: देश के चर्चित युवा आईएएस अधिकारी गोपीनाथन ने साल 2019 में तब सबको चौंका दिया था
Kannan Gopinathan: भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी कन्नन गोपीनाथन सोमवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। पार्टी मुख्यालय में कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल पार्टी, मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा और कुछ अन्य नेताओं की मौजूदगी में उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की।
खेड़ा पार्टी में उनका स्वागत करते हुए करते हुए कहा, "कन्नन गोपीनाथन जी 2012 बैच के आईएएस अधिकारी रहे। जिस समय देश में बोलना लगभग नामुमकिन था, तब उन्होंने आवाज उठाई। गोपीनाथन जी ने जम्मू-कश्मीर को राज्य से केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने पर बुलंद होकर आवाज उठाई और सीएए के मुद्दे पर भी मुखर रहे।"
उन्होंने कहा, "गोपीनाथन जी ने वीवीपीएटी के मुद्दे पर भी खुलकर बोला। कई प्राथमिकियां और तमाम कार्रवाई झेलीं, लेकिन वे डरे नहीं और झुके नहीं। आखिर में उन्होंने ऐसी नौकरी छोड़ दी, जिसे सब हासिल करना चाहते हैं।" खेड़ा के अनुसार, खुशी की बात है कि गोपीनाथन जी ने कांग्रेस पार्टी को चुना। उन्होंने कहा, "हमारे दरवाजे हर उस आवाज के लिए खुले हैं, जो आजादी और न्याय की बात करती है। "
बता दें, देश के चर्चित युवा आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने साल 2019 में तब सबको चौंका दिया था, जब उन्होंने अपनी प्रतिष्ठित सरकारी सेवा से इस्तीफा दे दिया। उनका यह कदम केवल एक नौकरी छोड़ने का फैसला नहीं था, बल्कि अंतरात्मा की आवाज़ पर लिया गया एक साहसिक नैतिक निर्णय था।
33 वर्षीय कन्नन गोपीनाथन दादरा और नगर हवेली में कार्यरत थे। उन्होंने कहा कि वे केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले पर अपने विचार व्यक्त करना चाहते थे, लेकिन एक सरकारी अधिकारी होने के नाते उन्हें सार्वजनिक रूप से कुछ कहने की अनुमति नहीं थी। तब उन्होंने कहा था, “जब देश के एक हिस्से में बड़ी संख्या में लोगों से उनके मौलिक अधिकार छीने जा रहे हों, तब अपने विचार व्यक्त किए बिना मैं अपना काम नहीं कर सकता। मेरी अंतरात्मा शांत नहीं है।”
कन्नन का मानना था कि जब लोकतंत्र की मूल भावना— अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता— पर प्रतिबंध लगे, तो एक सच्चे नागरिक का कर्तव्य है कि वह मौन न रहे। इसी अंतरात्मा की पुकार ने उन्हें नौकरी छोड़ने पर मजबूर किया।