हरिद्वार, 3 अगस्त (ट्रिन्यू)
पतंजलि अनुसंधान संस्थान एवं पतंजलि विवि के तत्वावधान में चल रहे अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन के तीसरे दिन एकीकृत दृष्टिकोण’ विषय पर कुलाधपति स्वामी रामदेव ने घोषणा की कि जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तब प्रधांनमत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय शिक्षा बोर्ड का गठन कर ऐतिहासिक कार्य किया है। उन्होंने कहा कि 1835 में मैकाले जो पाप करके गया था उसे साफ करने का कार्य पंतजलि भारतीय शिक्षा बोर्ड के माध्यम से करने जा रहा है। अब भारत में बच्चों का मानस भारतीयता के अनुसार तैयार किया जायेगा। स्वामी रामदेव ने कहा कि आयुर्वेद सबसे प्राचीन विज्ञान है। इस ज्ञान की उपेक्षा करना तथा इसे कमतर आंकना अज्ञानता है। पतंजलि अनुसंधान संस्थान ने अपने शोध से इस अज्ञानता को दूर करने का प्रयास किया है। उन्होंने आयुर्वेद को एंटी-एजिंग, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने तथा शुद्धिकरण हेतु सर्वाधिक उपयोगी पद्धति बताया।उन्होंने वैज्ञानिकों के अखण्ड-प्रचण्ड पुरुषार्थ से तैयार किये गये विश्व-भेषज संहिता के 51 खण्ड सहित कुल 80 अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के ग्रन्थों की संक्षिप्त जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने पतंजलि के अनुसंधान कार्यों की सराहना की और यहां आयुष मंत्रालय एवं पतंजलि योगपीठ द्वारा यहाँ एक सेंटर आॅफ एक्सीलेंस की स्थापना के बारे में भी जानकारी दी।