मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

फाजिल्का में बाढ़ की स्थिति गंभीर, गांव छोड़ने लगे लोग

एनडीआरएफ, बीएसएफ और सेना अलर्ट पर
फाजिल्का को एक दर्जन गांवों से जोड़ने वाले कवांवाली पुल के निचले हिस्से को छू रहा बाढ़ का पानी। -टि्रन्यू
Advertisement

पंजाब के फाजिल्का में बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने जिले में सतलुज खाड़ी के पार बसे लगभग एक दर्जन गांवों के ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा है। 20 गांवों में स्कूल बंद कर दिये गये हैं। प्रशासन ने सोमवार शाम ग्रामीणों को इस संबंध में सूचित किया। प्रशासन द्वारा एडवाइजरी जारी कर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को सीमावर्ती गांवों के पास स्थापित पांच राहत शिविरों में जाने के लिए कहा गया है। लोगों ने गांव छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना शुरू कर दिया है। एनडीआरएफ, सीमा सुरक्षा बल और सेना को अलर्ट पर रखा गया है। अतिरिक्त उपायुक्त मंदीप कौर ने कहा कि लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए टीमों को तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि मौजम, आसफवाला, सलेमशाह गांवों के सरकारी हाई स्कूलों, फाजिल्का के संत कबीर पॉलिटेक्निक कॉलेज और सरकारी सीनियर स्कूल हस्ता कलां में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं।

उपायुक्त कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, हरिके हेडवर्क्स से 1.70 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे सीमावर्ती गांवों के रिहायशी इलाकों को नुकसान पहुंच सकता है, इसलिए ग्रामीणों को वहां से हटने की सलाह दी गई है। अतिरिक्त उपायुक्त ने एनडीआरएफ बठिंडा के कमांडेंट को पत्र भेजकर अपनी इकाइयों को तैयार रखने का अनुरोध किया है, जिससे आवश्यकता पड़ने पर उन्हें बुलाया जा सके।

Advertisement

प्रभावित गांव झंगड़ भैणी के ब्लॉक समिति सदस्य सुबेग सिंह ने बताया कि रेतेवाली भैणी, तेजा रुहेला, झंगड़ भैणी, गट्टी नंबर एक के कुछ ग्रामीण पास के गांवों में अपने रिश्तेदारों के यहां जाने लगे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है और रात में सड़क संपर्क टूट सकता है। उन्होंने बताया कि सीमावर्ती क्षेत्र की कुछ बस्तियों में पानी घरों को भी छूने लगा है।

बाढ़ का पानी महत्वपूर्ण कवांवाली पुल के निचले हिस्से को छूने लगा है, जो लगभग एक दर्जन गांवों को फाजिल्का से जोड़ता है। ऊपर से और पानी छोड़े जाने के बाद, अगर पानी पुल के ऊपर से बहने लगा तो इन गांवों का संपर्क टूट सकता है। यह पुल सतलुज तल से लगभग 20 फीट ऊपर स्थित है। सूत्रों के अनुसार, फाजिल्का जिले के 21 गांवों में लगभग 10 हजार एकड़ जमीन पर खड़ी फसलें जलमग्न होकर नष्ट हो गई हैं।

सूत्रों ने बताया कि हस्ता कला गांव में 1600 एकड़, घुरका में 1500 एकड़, महातम नगर में 1150 एकड़, मोहर जमशेर में 800 एकड़, तेजा रुहेला में 625 एकड़, वाले शाह हिठार में 600 एकड़, चक खीवा में 450 एकड़, प्रभात सिंह वाला हिठार में 400 एकड़, वाले शाह उत्तर और चक रुहेला में 350-350 एकड़, ढंडी कदीम और दोना सिकंदरी में 300-300 एकड़ तथा गट्टी नंबर एक, कवांवाली, संतोख सिंह वाला, बाघे के हिठार, ढंडी खुर्द, पीर के हिठार, बादल पीर के और पीर के उत्तर गांवों में जमीन बह गई है।

इस बीच, कैबिनेट मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने फाजिल्का के विधायक नरिंदरपाल सिंह सावना के साथ सोमवार शाम को बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और ग्रामीणों के बीच राशन और अन्य राहत सामग्री वितरित की। वह पिछले तीन दिनों में फाजिल्का का दौरा करने वाली पंजाब सरकार की पांचवीं मंत्री हैं।

 

Advertisement