गुवाहाटी, 21 जून (एजेंसी)
असम में ब्रह्मपुत्र, बराक एवं उनकी सहायक नदियों में बाढ़ की स्थिति मंगलवार को भी गंभीर बनी रही। राज्य में इस प्राकृतिक आपदा के कारण अबतक 82 लोगों की जान जा चुकी है एवं करीब 45 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। इस बीच, तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने असम के लोगों के साथ एकजुटता दिखाते हुए बाढ़ प्रभावितों के वास्ते दान देने का ऐलान किया है। उन्होंने इस संबंध में राज्य के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। पिछले 24 घंटे में असम में बाढ़ की वजह से 11 लोगों की मौत हो गयी जबकि सात व्यक्ति लापता बताये जा रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार, भुवनेश्वर से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के कर्मी बचाव अभियान में मदद के लिए असम भेजे गये हैं।बराक घाटी में करीमगंज और कचार जिलों में बराक एवं कुशियारा नदियों का जलस्तर बढ़ते जाने से स्थिति गंभीर बनी हुई है । मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि एनडीआरएफ की चार इकाइयां बचाव अभियान में मदद के लिए भुवनेश्वर से सिलचर भेजी गयी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ एनडीआरएफ की चार इकाइयां यानी कुल 105 कर्मी बराक घाटी में बचाव अभियान चलाने के लिए सिलचर भेजे गये हैं।’
कचार में 2,07,143 और करीमगंज में 1,33,865 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं । राज्य में 36 में से 32 जिलों में करीब 48 लाख लोग बाढ़ की इस दूसरी लहर से बेहाल है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार सबसे अधिक प्रभावित जिलों में बारपेटा (जनसंख्या 12,30,721), दारांग (4,69,241) , बालाजी (3,38515,) शामिल हैं। लगातार बारिश के कारण आयी बाढ़ से 125 राजस्व मंडल और 5,424 गांव प्रभावित हुए हैं जबकि 2,31,819 लोगों ने 810 राहत शिविरों में शरण ली है। राहत कार्य में लगी एजेंसियों ने पिछले 24 घंटे में 11,292 लोगों एवं 27,086 मवेशियों को बाढ़ वाले क्षेत्रों से बाहर निकाला । केंद्रीय जल आयोग के बुलेटिन के अनुसार, नगांव जिले के कामपुर में कोपिली नदी और निमाटिघाट, तेजपुर, गुवाहाटी, कामरूप, ग्वालपाड़ा और धुबरी में ब्रह्मपुत्र नदी तथा पुथिमारी, पागलडिया, बेकी, बराक, कुशियारा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।