जम्मू/श्रीनगर, 7 मई (ट्रिन्यू/ एजेंसी)
पाकिस्तानी सेना ने मंगलवार रात जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास पुंछ समेत कई इलाकाें को निशाना बनाकर भारी गोलाबारी की। इसमें चार बच्चों व एक सैनिक सहित 13 लोगों की मौत हो गयी और 57 अन्य घायल हो गए। यह गोलाबारी भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले के तुरंत बाद हुई। गोलीबारी में सबसे अधिक प्रभावित पुंछ जिले और राजौरी तथा उत्तरी कश्मीर के बारामूला और कुपवाड़ा में सीमावर्ती निवासियों में दहशत उत्पन्न हो गई। अधिकारियों ने कहा कि भारतीय सेना ने गोलाबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया, परिणामस्वरूप दुश्मन पक्ष के कई लोग हताहत हुए।
एक गुरुद्वारे पर पाक सेना का गोला गिरने से सिख समुदाय के तीन लोगों की मौत हो गयी। इनमें रागी अमरीक सिंह (55) के अलावा अमरजीत सिंह (47) और रंजीत सिंह (48) शामिल हैं। हमले के वक्त अमरीक सिंह स्थानीय लोगों से घरों से बाहर न निकलने की अपील करते हुए घोषणाएं कर रहे थे। पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी रात करीब 1.45 बजे शुरू हुई और सुबह तक रुक-रुक कर जारी रही। राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा के पास के इलाकों को भी निशाना बनाया गया, जिसमें संपत्ति का कुछ नुकसान हुआ।
हमले में एक स्थानीय मदरसे के मौलवी काजी मोहम्मद इकबाल (40) की भी मौत हो गयी। पाक गोलाबारी ने कस्बे के क्राइस्ट स्कूल को भी नहीं बख्शा। स्कूल के पास गोलाबारी होने से दो लोगों की मौत की खबर है। अन्य मृतकों की पहचान बलविंदर कौर उर्फ रूबी (33), मोहम्मद ज़ैन खान (10), उसकी बड़ी बहन जोया खान (12), मोहम्मद अकरम (40), शकीला बी (40), मरियम खातून (7), विहान भार्गव (13) और मोहम्मद रफी (40) के रूप में की गई है।
अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान की अंधाधुंध गोलाबारी से सीमावर्ती निवासियों को भूमिगत बंकरों में शरण लेने या सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान ने अपनी हदें पार करके नागरिक आबादी को निशाना बनाने का काम किया है।