सुरेश एस डुग्गर
जम्मू, 15 अक्तूबर
पांच दिनों से जिन आतंकियों से पुंछ जिले में मुठभेड़ चल रही है अब उन्हें मार गिराने की खातिर पैरा कमांडों व लड़ाकू हेलिकाप्टरों की सहायता ली जा रही है। घने जंगलों में छुपे होने के कारण सैनिक उन तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है कि उन पर मोर्टार तथा राकेट की बौछार भी की जा रही है। पांच दिनों से जारी इस जंग में अभी तक सेना अपने 7 जवानों को गंवा चुकी है। कल रात को भी उसके दो जवान शहीद हो गए थे।
सूत्रों के मुताबिक, जंगलों में छिपे इन आतंकियों की तलाश के लिए सेना ने अपने विशेष कमांडों व पैरा कमांडों को तैनात किया है। भिंबर गली में पड़ने वाले दूरियां और सांयोट गांवों में आतंकियों के देखे जाने की सूचना के बाद से इस दल ने वहां सर्च आप्रेशन जारी रखा है। आतंकियों की मौजूदगी को देखते हुए सेना ने राजौरी-पुंछ हाईवे पर वाहनों की आवाजाही भी बंद कर रखी है। आज समाचार भिजवाए जाने तक दोनों ओर से गोलियों की बरसात जारी थीं
पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) राजौरी-पुंछ रेंज विवेक गुप्ता ने कहा कि आतंकवादियों को घेर कर एक इलाके तक सीमित कर दिया गया है। सुरक्षाबलों से बचकर आतंकियों का यह समूह दो-तीन महीने से यहां मौजूद था। जानकारी के लिए इस वर्ष राजौरी और पुंछ के सीमावर्ती जिलों में कई आतंकवाद विरोधी अभियान और मुठभेड़ हुई हैं। गत 12 अक्तूबर को पुंछ के सुरनकोट इलाके में डेरा की गली (डीकेजी) में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ के दौरान एक जेसीओ समेत सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे। कल रात को भी दो जवानों को जान गंवानी पड़ी है।
सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि घना जंगल होने के साथ-साथ पहाड़ी क्षेत्र होने की वजह से अभियान चलाने में काफी परेशानी हो रही है। गोलीबारी की यह घटना वीरवार देर रात की है। रात के अंधेरे में जब जवान नाढ़ खास के जंगलों में आतंकवादियों की तलाश कर रहे थे, तभी पेड़ों की होड़ में छिपे आतंकवादियों ने जवानों पर अचानक से हमला कर दिया। इस हमले में दो जवान शहीद हो गए। आतंकवादी एक बार फिर घने जंगलों में छिप गए हैं।
जिला पुंछ के नाढ़ खास के घने जंगलों में छिपे आतंकवादियों ने कल रात को एक बार फिर सुरक्षाबलों को अपना निशाना बनाया था। सर्च आप्रेशन में शामिल सेना के जवानों पर अचानक से गोलीबारी करते हुए आतंकवादियों ने सेना के दो जवानों को गंभीर रूप से घायल कर दिया। सैन्य प्रवक्ता के अनुसार घायल जवान जख्मों का ताव न सहते हुए शहीद हो गए। देश सेवा में समर्पित ये दोनों वीर जवान उत्तराखंड से थे। शहीदों की पहचान राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी 26 निवासी गांव विमन तहसील नरेंद्रनगर, टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड और राइफलमैन योगंबर सिंह 27 निवासी सनकारी तहसील पोखारी-चमोली, उत्तराखंड के रूप में हुई है।