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Festival of Lights : अयोध्या में दीपों का सैलाब, त्योहारों में कुम्हारों व युवाओं को मिल रहा रोजगार

उप्र : दीपोत्सव से रोशन हुए कुम्हारों के घर, अयोध्या में युवाओं को मिल रहा रोजगार

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दीया तैयार कामगार। -एएनआई
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Festival of Lights : दीपोत्सव ने अयोध्या के कुम्हार परिवारों के जीवन में नई रोशनी भर दी है। वर्षों से रोजगार की तलाश में बाहर जाने वाले युवा अब अपनी मिट्टी से ही आत्मनिर्भर बन रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार की पहल पर शुरू हुए दीपोत्सव ने न केवल अयोध्या की अर्थव्यवस्था को बल दिया है, बल्कि पारंपरिक मिट्टी कला को भी नया जीवन दिया है।

इस वर्ष नौवें दीपोत्सव में 26 लाख 11 हजार 101 दीप जलाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर तैयारियां युद्धस्तर पर जारी हैं। अवध विश्वविद्यालय के छात्र, अधिकारी और स्वयंसेवी संगठन भी इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाने में जुटे हैं। जयसिंहपुर गांव के बृज किशोर प्रजापति बताते हैं कि दीपोत्सव की शुरुआत से ही उनका परिवार दीयों का निर्माण कर रहा है।

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इस बार उन्हें दो लाख दीए बनाने का ऑर्डर मिला है। वे कहते हैं, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपोत्सव की परंपरा शुरू कर हमें रोजगार से जोड़ा है, जिससे अब हम आत्मनिर्भर हैं।” कुम्हार अब पारंपरिक चाक के बजाय इलेक्ट्रिक चाक का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे उत्पादन तेज और गुणवत्ता बेहतर हुई है। जयसिंहपुर के करीब 40 से अधिक कुम्हार परिवार दिन-रात दीयों के निर्माण में लगे हैं। वर्ष 2017 से पहले ये परिवार रोज़गार के लिए संघर्ष कर रहे थे। अब दीपोत्सव के दौरान ही लाखों रुपये की आमदनी हो रही है। पहले जहां महीने में 20–25 हजार रुपये की कमाई होती थी, वहीं अब केवल इस पर्व के दौरान ही लाखों का कारोबार हो रहा है।

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सोहावल की पिंकी प्रजापति को इस बार एक लाख दीयों का ऑर्डर मिला है। उनका कहना है, “पहले दीपावली पर दीए सस्ते बिकते थे, लेकिन अब सरकारी प्रोत्साहन से हमें अच्छे दाम मिल रहे हैं।” मुख्यमंत्री के निर्देश पर मिट्टी के दीयों को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे स्थानीय कुम्हारों को बड़े पैमाने पर ऑर्डर मिल रहे हैं। जयसिंहपुर, विद्याकुंड, सोहावल और आसपास के गांवों में इस समय त्योहार जैसा माहौल है। रामभवन प्रजापति, गुड्डू प्रजापति, राजू प्रजापति, जगन्नाथ प्रजापति, सुनील और संतोष प्रजापति जैसे सैकड़ों कुम्हार परिवार इस समय मिट्टी गूंथने, दीये बनाने और बेचने में पूरी तन्मयता से जुटे हैं।

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