Festival of Lights : यूपी में 28 लाख दीपों से सजी आस्था की आरती, गिनीज रिकॉर्ड की ओर अयोध्या
अयोध्या के 56 घाटों पर 28 लाख दीप जलाकर नया विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी
Festival of Lights : उत्तर प्रदेश में भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में 56 घाटों पर इस वर्ष 28 लाख दीप जलाकर विश्व कीर्तिमान स्थापित करने की तैयारी चल रही है। शनिवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। बयान में कहा गया है कि अयोध्या इस वर्ष एक बार फिर विश्व मंच पर अपनी आस्था, संस्कृति और गौरव का प्रकाश फैलाने जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार में इस बार नौवां दीपोत्सव-2025 अब तक का सबसे भव्य और ऐतिहासिक आयोजन बनने जा रहा है।सरयू नदी के तट के 56 घाटों पर लगभग 28 लाख दीपों के प्रज्वलन के लिए 28 लाख दिए बिछाए जाएंगे, जो एक नया विश्व रिकॉर्ड स्थापित करेगा। इस वर्ष आयोजन की विशेषता यह है कि पहली बार लक्ष्मण किला घाट को दीपोत्सव में शामिल किया गया है।
यह दीपोत्सव केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि भारत की सनातन संस्कृति, आध्यात्मिकता और विश्वबंधुत्व का सशक्त प्रतीक है। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में यह आयोजन न केवल अयोध्या के विकास और राम मंदिर निर्माण के विजन को आगे बढ़ा रहा है, बल्कि उत्तर प्रदेश को धार्मिक पर्यटन के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम भी है।
इस अवसर पर लाखों श्रद्धालु और देश-विदेश से आए पर्यटक रामनगरी की इस दिव्य आभा के साक्षी बनेंगे। बयान के अनुसार लक्ष्मण किला घाट पर पहली बार सवा चार लाख दीप प्रज्वलित होंगे। राम की पैड़ी और चौधरी चरण सिंह घाट पर करीब साढ़े चार लाख दीप जलाए जाएंगे। भजन संध्या घाट पर साढ़े पांच लाख दीपों की रौशनी से सरयू तट अलौकिक चमक में नहाएगा।
मुख्य आकर्षण राम की पैड़ी रहेगी, जहां 15 से 16 लाख दीपों की अविरल ज्योति से पूरा घाट जगमगा उठेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं दीप प्रज्वलित कर इस भव्य कार्यक्रम का नेतृत्व करेंगे और ‘जय श्रीराम' के उद्घोष से पूरा वातावरण भक्तिमय बन जाएगा। बीते वर्षों में अयोध्या का दीपोत्सव गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो चुका है।
इस बार लक्ष्य है उस रिकॉर्ड को और आगे बढ़ाकर 28 लाख दीपों का नया विश्व कीर्तिमान स्थापित करने का। इसके लिए सरकार, प्रशासन और स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं की टीमें युद्धस्तर पर तैयारियों में जुटी हैं। दीपों की सजावट, सुरक्षा व्यवस्था, सांस्कृतिक मंचन, और पर्यटकों के स्वागत की रूपरेखा बारीकी से तैयार की जा रही है।