नयी दिल्ली, 1 फरवरी (एजेंसी)
सरकार ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा 49 से बढ़ाकर 74 फीसदी करने का प्रस्ताव किया है। इस कदम का उद्देश्य विदेशी कंपनियों को निवेश के लिए आकर्षित करना है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नये ढांचे के तहत ज्यादातर निदेशक और बोर्ड तथा प्रबंधन स्तर के अधिकारी निवासी भारतीय होंगे। कम से कम 50 फीसदी स्वतंत्र निदेशक होंगे। इसके अलावा मुनाफे का एक निश्चित प्रतिशत सामान्य आरक्षित निधि के रूप में रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि निवेशकों के संरक्षण के लिए सभी वित्तीय उत्पादों के लिए निवेशक चार्टर पेश किया जाएगा।
गौर हो कि सरकार ने 2015 में बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 26 से बढ़ाकर 49 फीसदी की थी। भारत में जीवन बीमा की पहुंच सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.6 फीसदी है। यह 7.13 फीसदी के वैश्विक औसत से काफी कम है। साधारण बीमा के मामले में स्थिति और खराब है। यह जीडीपी का मात्र 0.94 फीसदी है, जबकि इसका वैश्विक औसत 2.88 फीसदी है।