नयी दिल्ली, 11 अप्रैल (एजेंसी)
सरकार पेंशन क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा बढ़ाकर 74 प्रतिशत कर सकती है। सूत्रों ने कहा कि इस बारे में विधेयक संसद के मानसून में लाया जा सकता है। बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा को 49 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने के कानूनी संशोधन को संसद ने पिछले महीने ही मंजूरी दी है। बीमा अधिनियम, 1938 में अंतिम बार 2015 में संशोधन कर एफडीआई की सीमा को बढ़ाकर 49 प्रतिशत किया गया था। इससे इस क्षेत्र में 5 साल में 26,000 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश आया है।
सूत्रों ने बताया कि पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) अधिनियम, 2013 में संशोधन मानसून सत्र या शीतकालीन सत्र में लाया जा सकता है। इसके जरिये पेंशन क्षेत्र में एफडीआई की सीमा बढ़ाई जाएगी। अभी पेंशन क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 49 प्रतिशत है। सूत्रों ने बताया कि संशोधन विधेयक में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) न्यास को पीएफआरडीए से अलग करने का प्रावधान हो सकता है। एनपीएस न्यास के अधिकार, कामकाज और दायित्व अभी पीएफआरडी (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली न्यास) नियमन, 2015 के तहत तय होते हैं। इसे परमार्थ न्यास या कंपनी कानून के तहत लाया जा सकता है।
दूरसंचार पीएलआई दिशानिर्देश एक सप्ताह में
नयी दिल्ली (एजेंसी) : दूरसंचार विभाग क्षेत्र के विनिर्माताओं के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के क्रियान्वयन के दिशानिर्देश एक सप्ताह में जारी कर सकता है। सरकारी अधिकारियों ने कहा कि इसके लिए एक सप्ताह में आवेदन आमंत्रित किए जा सकते हैं। दूरसंचार उपकरण कंपनियों एरिक्सन और नोकिया ने भारत में अपने परिचालन के विस्तार की इच्छा जताई है। वहीं वैश्विक कंपनियां मसलन सैमसंग, सिस्को, सिएना और फॉक्सकॉन भारत में घरेलू बाजार और निर्यात के लिए दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों का विनिर्माण करने में रुचि दिखाई है। एक अधिकारी ने कहा, ‘सरकार दूरसंचार पीएलआई को पहले ही मंजूरी दे चुकी है। दूरसंचार विभाग क्रियान्वयन के लिए दिशानिर्देशों, आवेदन फॉर्मेट और प्रोत्साहन आवंटन के साथ तैयार है। इसे एक सप्ताह में दूरसंचार विभाग की वेबसाइट पर प्रकाशित कर दिया जाएगा।’ दूरसंचार विभाग की ओर से दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों के लिए 24 फरवरी को अधिसूचित पीएलआई योजना के तहत पांच साल में 12,195 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।