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Fauja Singh Funeral: दौड़ के धनी फौजा सिंह दुनिया से रवाना, राजकीय सम्मान से हुआ अंतिम संस्कार 

Fauja Singh Funeral: 114 वर्षीय दिग्गज मैराथन धावक की सड़क हादसे के कारण हो गई थी मौत
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फौजा सिंह अंतिम संस्कार में शामिल लोग। ट्रिब्यून
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Fauja Singh Funeral: दुनिया के सबसे बुजुर्ग मैराथन धावक फौजा सिंह का रविवार को उनके पैतृक गांव ब्यास (जालंधर जिला) में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग, खेलप्रेमी, स्थानीय निवासी और फौजा सिंह के प्रशंसक उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे।

परिवार के अनुसार, फौजा सिंह ने अपने जीवनकाल में यह इच्छा जताई थी कि उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में ही किया जाए। बता दें, फौजा सिंह गत सोमवार को जालंधर-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग के दूसरी ओर एक ढाबे की ओर जा रहे थे, तभी एक वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया था।

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89 की उम्र में दौड़ना शुरू किया, बन गए मिसाल

फौजा सिंह ने अपना धावक जीवन 89 वर्ष की उम्र में शुरू किया। उस समय उन्होंने अपने पत्नी और एक बेटे को एक दुर्घटना में खो दिया था। अवसाद से बचने के लिए उन्होंने दौड़ को अपनाया और फिर दुनिया भर में 18 मैराथन दौड़ें पूरी कीं।

फौजा सिंह को अंतिम श्रद्धांजलि देते परिवार के लोग। ट्रिब्यून

उनकी पहली मैराथन साल 2000 में लंदन में थी। इसके बाद उन्होंने 2011 में टोरंटो, 2012 में लंदन और 2013 में हॉन्गकॉन्ग में आखिरी बार दौड़ लगाई और वहीं से उन्होंने संन्यास ले लिया।

प्रेरणा का दूसरा नाम

114 वर्ष की उम्र में भी सक्रिय और आत्मनिर्भर फौजा सिंह, न केवल खेल बल्कि मानव आत्मबल, संकल्प और सकारात्मक सोच के प्रतीक थे। उन्होंने यह दिखा दिया कि उम्र सिर्फ एक संख्या है, और मनुष्य जब चाहे तब जीवन को एक नई दिशा दे सकता है।

मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, "फौजा सिंह पंजाब ही नहीं, पूरे देश की शान थे। उन्होंने पूरी दुनिया को दिखाया कि उम्र कभी भी लक्ष्य पाने में बाधा नहीं बनती। राज्य उन्हें सदैव याद रखेगा।" उनके अंतिम दर्शन के लिए आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। पूरे गांव में शोक की लहर थी। स्थानीय युवाओं ने उन्हें कंधा देकर विदाई दी।

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