चंडीगढ़ में गरजे किसान, कल बैठक में आंदोलन का ऐलान
चंडीगढ़ बुधवार को दो विरोध प्रदर्शनों के साये में रहा। एक तरफ ‘पीयू बचाओ मोर्चा’ का यूनिवर्सिटी बंद और दूसरी तरफ पंजाब के किसानों की रैली। सुरक्षा व्यवस्था के लिए करीब तीन हजार पुलिसकर्मी तैनात रहे। गनीमत रही कि दोनों...
चंडीगढ़ बुधवार को दो विरोध प्रदर्शनों के साये में रहा। एक तरफ ‘पीयू बचाओ मोर्चा’ का यूनिवर्सिटी बंद और दूसरी तरफ पंजाब के किसानों की रैली। सुरक्षा व्यवस्था के लिए करीब तीन हजार पुलिसकर्मी तैनात रहे। गनीमत रही कि दोनों प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे।
दिल्ली किसान आंदोलन के पांच साल पूरे होने पर बुधवार को चंडीगढ़ के सेक्टर-43 में ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ की तरफ से एक बड़ी रैली का आयोजन किया गया। पंजाब से बड़ी संख्या में किसान इसमें शामिल हुए। मोर्चा से जुड़े किसान संगठनों के अलावा अन्य ट्रेड यूनियनों के नेता भी बड़ी संख्या में पहुंचे। वहीं, चंडीगढ़ पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये। रैली के दौरान मंच से कहा गया कि शुक्रवार को एसकेएम की मीटिंग होगी और बड़े आंदोलन का ऐलान होगा।
रैली में किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान जो वादे किए थे, वो अब तक पूरे नहीं हुए। इसके अलावा, पंजाब सरकार बाढ़ से प्रभावित किसानों को नजरअंदाज कर रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसानों ने चेतावनी दी कि अगर जालंधर चीनी मिल तुरंत चालू नहीं की गई तो वह जालंधर हाईवे जाम कर देंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा मंच से एमएसपी की कानूनी गारंटी और दूसरे मुद्दों समेत किसान आंदोलन की लंबित मांगों को जोर-शोर से उठाया गया। रैली में किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा कि भारत सरकार अमेरिका से व्यापार समझौता करने जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समझौते को लेकर झूठ बोल रहे हैं कि वह खेती पर आंच नहीं आने देंगे। राजेवाल ने यह भी कहा कि एक और सीड बिल लाया जा रहा है, जिसके तहत प्राइवेट कंपनियों से बीज खरीदने होंगे। किसान नेता रमिंदर सिंह पटियाला ने कहा कि केंद्र और पंजाब सरकार किसान विरोधी फैसले ले रही हैं। किसानों ने पंजाब ट्रांसपोर्ट विभाग के ज्वाइंट सेक्रेटरी को ज्ञापन देकर रैली समाप्त की।
मनीमाजरा (चंडीगढ़), 26 नवंबर (हप्र)
दिल्ली किसान आंदोलन के पांच साल पूरे होने पर बुधवार को चंडीगढ़ के सेक्टर-43 में ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ की तरफ से एक बड़ी रैली का आयोजन किया गया। पंजाब से बड़ी संख्या में किसान इसमें शामिल हुए। मोर्चा से जुड़े किसान संगठनों के अलावा अन्य ट्रेड यूनियनों के नेता भी बड़ी संख्या में पहुंचे। वहीं, चंडीगढ़ पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये। रैली के दौरान मंच से कहा गया कि शुक्रवार को एसकेएम की मीटिंग होगी और बड़े आंदोलन का ऐलान होगा।
रैली में किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान जो वादे किए थे, वो अब तक पूरे नहीं हुए। इसके अलावा, पंजाब सरकार बाढ़ से प्रभावित किसानों को नजरअंदाज कर रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसानों ने चेतावनी दी कि अगर जालंधर चीनी मिल तुरंत चालू नहीं की गई तो वह जालंधर हाईवे जाम कर देंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा मंच से एमएसपी की कानूनी गारंटी और दूसरे मुद्दों समेत किसान आंदोलन की लंबित मांगों को जोर-शोर से उठाया गया। रैली में किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा कि भारत सरकार अमेरिका से व्यापार समझौता करने जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समझौते को लेकर झूठ बोल रहे हैं कि वह खेती पर आंच नहीं आने देंगे। राजेवाल ने यह भी कहा कि एक और सीड बिल लाया जा रहा है, जिसके तहत प्राइवेट कंपनियों से बीज खरीदने होंगे। किसान नेता रमिंदर सिंह पटियाला ने कहा कि केंद्र और पंजाब सरकार किसान विरोधी फैसले ले रही हैं। किसानों ने पंजाब ट्रांसपोर्ट विभाग के ज्वाइंट सेक्रेटरी को ज्ञापन देकर रैली समाप्त की।
चंडीगढ़, 26 नवंबर (ट्रिन्यू)
सीनेट चुनाव की घोषणा को लेकर चल रहे आंदोलन के 25वें दिन बुधवार को पंजाब यूनिवर्सिटी में ‘बंद’ रखा गया। ‘पीयू बचाओ मोर्चा’ की ओर से यूनिवर्सिटी बंद रखने और आज होने वाली परीक्षाओं को स्थगित करने का आह्वान किया गया था। ‘बंद’ पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा। मोर्चा के नेताओं और बाहर से आये वक्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर भाषणबाजी व नारेबाजी की। धरनास्थल पर आयोजित प्रेस वार्ता में मोर्चा ने कहा कि उनकी लड़ाई सीनेट चुनाव की घोषणा होने तक जारी रहेगी। अगली रणनीति के तहत मोर्चा ने चंडीगढ़ समेत पंजाब के विभिन्न जिलों में भाजपा कार्यालयों का घेराव करने का ऐलान किया है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने बुधवार की छुट्टी घोषित कर दी थी, यहां तक कि आज होने वाली परीक्षाएं पहले डीएवी कालेज में स्थानांतरित कर दी गयीं लेकिन फिर बाद में इन्हें टाल दिया गया। पीयू प्रशासन ने शैड्यूल जारी करने के लिए मोर्चा से दो दिसंबर तक की मोहलत मांग रखी है। स्टूडेंट सेंटर, यूनिवर्सिटी लाइब्रेरी और कैंपस मार्केट भी प्रशासन द्वारा बंद रखे गए।
धरनास्थल पर बाहरी लोगों का मजमा लगा रहा। भीड़ के लिए खाने-पीने का पूरा इंतजाम था। दो-तीन ट्रैक्टरों में लंगर बन कर पहुंचा। प्रदर्शनस्थल पर भारी पुलिस तैनाती के बावजूद विभिन्न किसान संगठनों, सामाजिक समूहों और व्यक्तियों ने आकर आंदोलन का समर्थन जताया। इनमें दोआबा किसान कमेटी (पंजाब), कौमी किसान यूनियन, अकाली दल (वारिस पंजाब दे), बंदी सिंह मोर्चा, किसान संघर्ष कमेटी, भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर), नरेगा वर्कर फ्रंट, माझा किसान संघर्ष कमेटी सहित कई संगठन शामिल रहे। इसके अलावा अमितोज मान, सतनाम सिंह पन्नू और एसजीपीसी सदस्य गुरप्रीत सिंह ने भी अपनी एकजुटता व्यक्त की।

