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Farmers Protest : मंगलवार को दिल्ली कूच नहीं करेगा किसानों का जत्था, किसान नेता पंधेर ने कही ये बात

मोर्चा की बैठक में अगली कार्रवाई पर करेंगे फैसला 
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चंडीगढ़, 9 दिसंबर (भाषा)

Farmers Protest : पंजाब के किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसानों का कोई भी जत्था मंगलवार को दिल्ली के लिए पैदल मार्च शुरू नहीं करेगा। उन्होंने केंद्र पर किसानों के मार्च करने के तरीके को लेकर असमंजस में होने का आरोप लगाया। पंधेर ने कहा कि वे मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा की बैठक में अपनी अगली कार्रवाई पर फैसला करेंगे। कल कोई जत्था नहीं जाएगा।

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आंदोलनकारी किसानों ने रविवार को शंभू बॉर्डर से दिल्ली के लिए अपना पैदल मार्च स्थगित कर दिया था क्योंकि हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा आंसू गैस के गोले दागे जाने से उनमें से कुछ किसान घायल हो गए थे। सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों द्वारा पंजाब-हरियाणा सीमा पार करने की एक और कोशिश को विफल कर दिया था। पंधेर ने सोमवार को शंभू और खनौरी बॉर्डर पर मीडिया को अलग-अलग स्थानों पर संबोधित करते हुए दावा किया कि किसानों द्वारा राष्ट्रीय राजधानी तक पैदल मार्च करने का फैसला करने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार ‘‘असमंजस'' की स्थिति में है।

पंधेर ने शंभू में कहा कि अब केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर कह रहे हैं कि किसानों को अन्य वाहनों से आना चाहिए। जब खट्टर हरियाणा के मुख्यमंत्री थे, तब वह कहते थे कि किसानों को पैदल आना चाहिए। पहले पूरी भाजपा किसानों के ट्रैक्टर ट्रॉलियों के साथ दिल्ली जाने पर आपत्ति जता रही थी। सरकार इस बात को लेकर असमंजस में है कि क्या कहे और क्या न कहे। इससे लोगों के बीच सरकार की विश्वसनीयता कम हो रही है। केंद्रीय मंत्री खट्टर से सोमवार को करनाल में जब किसानों के प्रदर्शन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “कोई भी उन्हें दिल्ली जाने से नहीं रोक रहा है लेकिन एक तरीका होता है।

जब उनसे पूछा गया कि किसानों ने कहा है कि वे पैदल जा रहे हैं, तो उन्होंने उन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बहुत सारे वाहन हैं और वे उनका उपयोग करके जा सकते हैं। खनौरी में पंधेर ने खट्टर के बयान की आलोचना की। उन्होंने कहा कि खट्टर कह रहे हैं कि किसानों के दिल्ली जाने पर कोई रोक नहीं है और वे अन्य वाहनों का उपयोग करके जा सकते हैं। जब वह मुख्यमंत्री थे तब वह कहते थे कि किसानों को ट्रैक्टर ट्रॉली छोड़कर पैदल आना चाहिए। एक अन्य केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि वे पैदल दिल्ली आने वाले किसानों का स्वागत करेंगे।

हरियाणा के कृषि मंत्री भी कह रहे थे कि वे पैदल आने वाले किसानों का स्वागत करेंगे, जबकि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी किसानों से कह रहे हैं कि उन्हें वहां जाने से पहले दिल्ली पुलिस से अनुमति लेनी चाहिए। उचाहे केंद्रीय मंत्री हों या हरियाणा के मंत्री हों, वे असमंजस में हैं कि उन्हें क्या बयान देना है। किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल के आमरण अनशन का जिक्र करते हुए पंधेर ने कहा कि उनका 11 किलोग्राम वजन कम हो गया है, लेकिन सरकार नींद से नहीं जाग रही। सरकार असल मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है और बहस को इस बात पर केंद्रित करने की कोशिश कर रही है कि किसान दिल्ली आने के लिए किस वाहन का इस्तेमाल करते हैं और उन्हें वहां जाने के लिए कौन सा तरीका अपनाना चाहिए।

पंधेर ने कहा कि मैंने आज दल्लेवाल जी से मुलाकात की है...जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वह अपना अनशन जारी रखेंगे। पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने खनौरी बॉर्डर पर दल्लेवाल से मुलाकात की और कहा कि वे उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं। पंधेर ने कहा, “यदि पंजाब सरकार वास्तव में किसानों के बारे में चिंतित है तो उसे केंद्र पर दबाव डालना चाहिए।

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