Farmers Protest : SKM की अपील- केंद्र सरकार डल्लेवाल से बातचीत की करे पहल, किसान महापंचायत आयोजित करने का किया आह्वान
नई दिल्ली, 16 जनवरी (भाषा)
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने वीरवार को मांग की कि केंद्र सरकार पंजाब-हरियाणा सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ उनकी मांगों को लेकर बातचीत शुरू करे। सभी राज्यों में किसान महापंचायत आयोजित करने का आह्वान किया।
एसकेएम ने यह मांग किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल द्वारा मांगों को लेकर शुरू किया गया अनिश्चितकालीन अनशन के 52वें दिन में प्रवेश करने पर किया है। एसकेएम ने कहा कि वह संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखेंगे, जो पिछले साल 26 नवंबर से अनशन पर हैं।
एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान पिछले साल 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं, जब सुरक्षा बलों ने उन्हें दिल्ली तक मार्च करने की अनुमति नहीं दी थी।
एसकेएम ने कहा, "केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए राजनीतिक दलों के साथ विरोध कार्रवाई और बातचीत की एक श्रृंखला शुरू की जाएगी, जिसमें एमएसपी और कर्ज माफी सहित लंबे समय से लंबित मांगों पर सभी किसान संगठनों के साथ तुरंत बातचीत करने, डल्लेवाल की जिंदगी बचाने और कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति ढांचे को तुरंत वापस लेने की मांगें शामिल होंगी।"
15 जनवरी को आयोजित राष्ट्रीय समन्वय समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि एसकेएम पत्र के जरिए प्रधानमंत्री को डल्लेवाल के अनिश्चितकालीन अनशन के कारण उनके जीवन को गंभीर खतरे से अवगत कराएगा। बयान में कहा गया है, ‘‘एसकेएम सभी राज्यों में किसान महापंचायत का आयोजन करेगा। एसकेएम की संबंधित राज्य समन्वय समितियां (एससीसी) तारीख और स्थान तय करने के लिए तुरंत बैठक करेंगी। पटना में 11 फरवरी को एक विशाल किसान महापंचायत का आयोजन किया जाएगा।''
यह भी कहा गया कि एसकेएम प्रतिनिधिमंडल विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मिलेंगे और उनसे ‘‘किसान विरोधी, संघीय सरकार विरोधी राष्ट्रीय कृषि विपणन नीति ढांचे को अस्वीकार करने'' के लिए विधानसभाओं में प्रस्ताव पारित करने का आग्रह करेंगे।
साथ ही मुख्यमंत्रियों से यह भी आग्रह किया जाएगा कि वे डल्लेवाल के चल रहे अनशन के बारे में प्रधानमंत्री को पत्र लिखें। एसकेएम 20 जनवरी को या एससीसी द्वारा तय की गई किसी अन्य उपयुक्त तारीख को संबंधित सांसदों के आवास/कार्यालय के सामने एक दिवसीय धरना देगा और उनसे प्रधानमंत्री पर दबाव बनाने का आग्रह करेगा।