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Farmer's Protest : 11 मार्च धरना देंगे किसान नेता, कहा - फसल खराबे के पिछले कई सालों के मुआवजे और बीमा क्लेम अभी तक बकाया

नई कृषि बाजार नीति और अन्य मुद्दों पर सभी जिलों में एक दिवसीय प्रदर्शन 11 मार्च को, कहा - सरकार उनके हक में नीतियां बनाने की झूठी वाहवाही लूटना चाहती है
नरवाना : मीटिंग के दौरान संयुक्तकिसान मोर्चा के किसान नेता
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नरवाना, 15 फरवरी, (नरेंन्द्र जेठी)

Farmer's Protest : सरकार किसानों के हक में नीतियां बनाने की झूठी वाहवाही लूटना चाहती है व किसानों के फसल खराबे के पिछले कई सालों के मुआवजे और बीमा क्लेम अभी तक बकाया है। यह आरोप आज नरवाना चौधरी घासी राम नैन किसान रेस्ट हाउस में बलबीर सिंह , रतन मान और सुखविंदर की संयुक्त अध्यक्षता में सम्पन्न हुई मीटिंग में किसान नेताओं ने लगाया।

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मीटिंग में किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आंदोलन की दिशा में आगामी प्रदेश व्यापी आंदोलन की रणनीति बनाई गई। संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा के नेताओं ने कहा कि खरीफ की फसल के लिए 2000 रुपए प्रति एकड़ सुखा राहत के भी सभी किसानों को पैसे नहीं दिए गए। संयुक्त किसान मोर्चा ने इन लंबित मुआवजों के ना जारी होने पर गहरा आक्रोश प्रकट किया है। इसके साथ ही गावों में बिजली के मीटर बाहर न निकालने,स्मार्ट मीटर योजना को न लागू करने,बढ़ती गर्मी के चलते गेहूं की फसल पर किसानों को बोनस देने, सरसों की खरीद शुरू करने,ड्रेनों की सफाई करते हुए बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में जलभराव न हो उसके इंतजाम करने की मांग की गई।

संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा ने नई कृषि बाजार नीति के विरोध में मुख्यमंत्री को ज्ञापन देगा साथ ही लंबित मुद्दों पर 11 मार्च को सभी जिलों में प्रदर्शन करेगा इसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा प्रदेश भर में अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करने के लिए 7 मार्च को नरवाना में योजना बनाएगा। मोर्चा के नेताओं ने कहा कि आज जलवायु परिवर्तन के मसले पर सरकार कॉर्पोरेट घरानों के पक्ष में खड़ी है और मार किसानों पर पड़ रही है पिछले साल भी अत्याधिक गर्मी से खरीफ की फसल में उत्पादन में काफी नुकसान हुआ था और अब भी रबी 2025 की गेहूं की फसल में नुकसान हो रहा है, सिंचाई के लिए पानी खत्म होता जा रहा है।

मीटिंग में नई कृषि बाजार नीति और अन्य मुद्दों पर 11 मार्च को सभी जिलों में एक दिवसीय धरने प्रदर्शन आयोजित करने का निर्णय किया गया। मार्च में किसानों का अनिश्चितकालीन बड़ा आंदोलन किया जाएगा। मीटिंग में बदलते पर्यावरण और गिरते भूजल पर गहरी चिंता प्रकट करते हुए सरकार से जनहितैषी ,किसान के पक्ष की पर्यावरण नीति की मांग की गई।

मीटिंग में निर्णय किया गया कि हरियाणा में कृषि बाजार नीति के प्ररूप का न लागू करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री को ज्ञापन देगा। इसलिए मोर्चा ने इस मुद्दे पर किसान और जनहितैषी वैकल्पिक नीति की मांग की है इस मौके पर मीटिंग में जोगेंद्र नैन, कवरजीत चिका, तेजिंदर ,सतीश आजाद, करनैल सिंह, राजीव मलिक,बलराज मलिक, आजाद सिंह, बलवंत सिंह, सुमित दलाल, कुलदीप पूनिया, सतेंद्र, कर्मबीर,सिक्किम नैन,बलवान सिंह,रामफल सिंह,आदि शामिल रहे।

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