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Farmers Protest : प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत करेगी केंद्र सरकार, SKM ने पहल का किया स्वागत

किसानों की बढ़ती एकता के कारण सरकार चर्चा करने के लिए मजबूर हुई
शंभी बॉर्डर पर पहुंचे किसान। पीटीआई फोटो
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नई दिल्ली, 19 जनवरी (भाषा)

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने किसानों के साथ बातचीत के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को रविवार को एक बड़ी जीत बताया और अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के चिकित्सा सहायता लेने के फैसले का स्वागत किया।

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किसान संगठनों के साझा मंच ने एक बयान में कहा, ‘‘एसकेएम किसान संगठनों के साथ चर्चा करने के केंद्र सरकार के फैसले को एक बड़ी जीत मानता है।''तीन निरस्त कृषि कानूनों के खिलाफ 2020-21 के किसानों के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले इस साझा मंच ने कहा कि किसानों की बढ़ती एकता के कारण सरकार चर्चा करने के लिए मजबूर हुई।

बयान के मुताबिक, ‘‘एसकेएम अनशन कर रहे किसान नेता सरदार जगजीत सिंह डल्लेवाल के चिकित्सा सहायता प्राप्त करने के निर्णय का स्वागत करता है और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता है।''इसमें कहा गया, ‘‘एसकेएम नेताओं द्वारा किसान एकता और किसान विरोधी सरकार के खिलाफ अखिल भारतीय आंदोलन के लिए किए गए निरंतर प्रयासों ने सरकार को अपनी विभाजनकारी रणनीति से पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया है।''

एसकेएम ने सभी किसानों से केंद्र सरकार के खिलाफ ‘‘जवाब देने और विरोध में खड़े होने'' तथा उसे ‘‘अपनी किसान विरोधी नीतियों को वापस लेने'' के लिए मजबूर करने का आह्वान किया। उसने कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति रूपरेखा को निरस्त कृषि कानूनों को वापस लाने का एक प्रयास करार दिया।

एसकेएम ने अपनी सभी इकाइयों से सोमवार को सांसद कार्यालयों पर किसान धरना आयोजित करने के बजाय ईमेल के माध्यम से सांसदों को ज्ञापन भेजने का आह्वान किया और 26 जनवरी को समूह की ट्रैक्टर रैलियों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। एसकेएम की आम सभा की बैठक 24 जनवरी को नई दिल्ली में होगी।

किसान संगठनों के साझा मंच ने कहा, ‘‘एसकेएम एक बार फिर केंद्र सरकार से आह्वान करता है और चेतावनी देता है कि वह देश के अन्नदाताओं, किसानों के हितों के खिलाफ काम करने से बाज आए। एसकेएम सरकार को स्पष्ट रूप से सूचित और घोषणा करता है कि इस देश के किसान अपनी मांगों को लेकर एकजुट हैं, जिन्हें केंद्र सरकार को पूरा करना होगा और तब तक केंद्र सरकार के खिलाफ सभी रूपों में लोकतांत्रिक आंदोलन जारी रहेंगे।''

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