पुरुषोत्तम शर्मा/हप्र
सोनीपत, 20 दिसंबर
तीन कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच तल्खी बढ़ने लगी है। किसानों ने सरकार की कार्रवाई पर कड़ा नोटिस लेते हुए आंदोलन को तेज कर दिया है। इसके तहत सोमवार से हर धरने पर 24 घंटे का क्रमिक अनशन (हंगर स्ट्राइक) रखा जाएगा। इसके तहत सोमवार से सभी धरनास्थलों पर किसान 11-11 की संख्या में क्रमिक अनशन शुरू करेंगे। इसमें अगले दिन दूसरी जत्थेबंदियों से लोग बैठेंगे। इसी तरह जो लोग विदेश में देश के दूसरे हिस्से में आंदोलन को लेकर समर्थन कर रहे हैं, वह अपनी सुविधा के अनुसार संख्या तय कर सकते हैं।
इसके साथ-साथ तीन दिन 25 से 27 दिसंबर के बीच हरियाणा के सारे टोल फ्री किए जाएंगे। तीन दिन तक टोल टैक्स वसूलने नहीं दिया जाएगा। 27 दिसंबर को जब पीएम मोदी मन की बात करेंगे, तो किसान विरोध में थाली बजाकर आक्रोश प्रकट करेंगे।
इसके अलावा किसानों ने स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह जयंती पर 23 दिसंबर को अन्नदाता दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए देशभर के लोगों और विदेश में रहने वाले भारतीयों से एक समय का भोजन त्यागने की अपील की है। वहीं, 26 दिसंबर को ही किसान नेता एनडीए के घटक दलों के प्रमुखों को ज्ञापन पत्र भेजेंगे और मांग करेंगे कि वह कानून रद्द कराने के लिए किसानों के समर्थन में सरकार पर दबाव बनाएं। अन्यथा किसान संगठन दलों का भी बहिष्कार कर सकते हैं। इसके अलावा किसान नेताओं ने कहा कि कारपोरेट के फूड एंड सर्विस प्रोडक्ट्स का बायकाट करेंगे।
किसान संगठनों के संयुक्त मोर्चा की बैठक आज कुंडली बार्डर पर हुई थी, जिसमें कई घंटे की माथापच्ची के बाद आंदोलन की अगली रणनीति का ड्राफ्ट तैयार किया गया। इसके बाद किसान नेताओं ने मीडिया को इसकी जानकारी दी। किसान नेता राकेश टिकैत, शिवकुमार काका, जगजीत सिंह, योगेंद्र यादव और दर्शनपाल आदि ने बताया कि सोमवार से शुरू होने वाले आंदोलन के चौथे चरण के लिए ये सभी निर्णय लिए गये हैं।
‘एक-दो दिन में किसानों से मिल सकते हैं तोमर’
बोलपुर (एजेंसी) : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के एक-दो दिन में मुलाकात करने की संभावना है। पश्चिम बंगाल के दौरे पर आए गृहमंत्री एक प्रेस वार्ता को सम्बोधित कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि गतिरोध दूर करने के लिए केंद्र और आंदोलनरत किसानों के प्रतिनिधियों के बीच कई दौर की वार्ता नाकाम रही है। शाह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मैं समय के बारे में पूरी तरह से अवगत नहीं हूं, लेकिन किसानों के प्रतिनिधियों से उनकी मांगों पर चर्चा के लिए तोमर के कल (सोमवार) या परसों (मंगलवार) मुलाकात करने की संभावना है।’
आयकर व ईडी के छापों पर नाराजगी
इधर, किसानों ने सरकार की छापेमारी की कार्रवाई पर कड़ा संज्ञान लिया है। किसानों का कहना है कि पंजाब व अन्य राज्यों से आने वाले जो लोग किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं, उनके यहां ईडी व आयकर के छापे मारे जा रहे हैं। किसान इसका हर स्तर पर विरोध करेंगे। उन्होंने चेताया कि अगर सरकार बाज नहीं आई, तो वह आयकर व ईडी के कार्यालयों के बाहर धरना देकर बैठ जाएंगे।