पुरुषोत्तम शर्मा/हप्र
सोनीपत, 13 जनवरी
सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमेटी का विरोध कर चुके किसानों ने 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। साथ ही बुधवार को लोहड़ी पर्व को लेकर किसानों ने धरनास्थल पर ही उत्सव मनाया। यहां कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर किसानों ने अपना रोष दर्ज कराया और सरकार को फिर दो टूक कहा कि 15 जनवरी की बैठक में फाइनल निर्णय लें ताकि आंदोलन समाप्त कर किसान अपने घरों को लौट जायें। अगर सरकार इस बार भी टालमटोल करती है, तो फिर किसानों के सामने आंदोलन तेज करने के सिवा कोई चारा नहीं होगा।
इधर, धरनास्थल पर संयुक्त मोर्चा की बैठक में आंदोलन की रूपरेखा और अब तक के कामकाज की समीक्षा की गई। संयुक्त मोर्चा ने तय किया है कि 17 जनवरी को फाइनल बैठक कर 26 जनवरी की ट्रैक्टर तिरंगा परेड का ड्राफ्ट घोषित किया जाएगा। इसमें देशभर में एक साथ तिरंगा परेड निकालने का फैसला हुआ। हालांकि ट्रैक्टर परेड कहां से कहां तक होगी, किस स्वरूप में होगी, क्या राजपथ पर किसान जाएंगे या दिल्ली के चारों ओर परिक्रमा करेंगे, संसद भवन जाना है या नहीं, ट्रैक्टर परेड को लेकर कैसे रूट तैयार होगा, यह सारी रणनीति 17 को फाइनल की जायेगी।
बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य योगेंद्र यादव, बलबीर सिंह राजेवाल, दर्शनपाल, भाकियू के राष्ट्रीय महासचिव शमशेर दहिया समेत कई जत्थेबंदियों के सदस्य मौजूद रहे। बैठक में तय हुआ कि 15 की बैठक में किसान जाएंगे और सरकार से सीधे-सीधे तीनों कानून रद्द करने पर बात होगी। इसके बाद एमएसपी गारंटी की चर्चा की जाएगी। इसके अलावा 18 जनवरी को महिला किसान दिवस व 23 को युवा किसान दिवस का आयोजन होगा।
इससे पहले किसानों ने विरोध स्वरूप धरनास्थल पर जगह-जगह कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं और एक दूसरे को लोहड़ी की बधाई दी। किसानों ने कहा कि सड़क पर हर त्योहार मनेगा, आंदोलन सरकार जितना चाहे लंबा कर सकती है।
भारतीय किसान यूनियन (अ) के राष्ट्रीय महासचिव शमशेर दहिया ने बताया कि बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। खास बात यह है कि गणतंत्र दिवस तिरंगा परेड पर फाइनल ड्राफ्ट 17 को बताया जाएगा। किसानों ने तय किया है कि संवैधानिक तरीके से सरकारी तंत्र को बाधित किए बिना यह परेड निकाली जाएगी। इसमें किसी तरह के टकराव की योजना किसानों की नहीं है, इस तरह का दुष्प्रचार जानबूझ कर किया जा रहा है।