Farmer Government : CM योगी का दावा- मोदी युग में किसानों को मिली असली पहचान, 2014 में बदला नजरिया
औरैया, 8 जून (भाषा)
Farmer Government : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि वर्ष 2014 में नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार किसान सरकार के राजनीतिक एजेंडा का हिस्सा बने और उनके लिए विभिन्न नवोन्मेषी योजनाएं लागू की गईं। मुख्यमंत्री ने ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान' के तहत औरैया में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अन्नदाता किसान भी किसी सरकार के राजनीतिक एजेंडा का हिस्सा बन सकता है, यह आपको पहली बार वर्ष 2014 में देखने को मिला होगा, जब प्रधानमंत्री ने ‘सॉइल हेल्थ कार्ड' की व्यवस्था शुरू की थी।
उन्होंने कहा कि पहले कृषि वैज्ञानिकों के अलावा और कोई भी ‘सॉइल हेल्थ कार्ड' के बारे में जानता ही नहीं था। उसके बाद प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई की योजना और फिर प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना शुरू की गई। आज प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ देश के 12 करोड़ किसान प्राप्त कर रहे हैं।। अकेले उत्तर प्रदेश में ही अब तक अब तक दो करोड़ 86 लाख किसानों के खाते में 85 हजार करोड़ रुपए भेजे गए हैं। वर्ष 2017 में हमने सबसे पहले 86 लाख किसानों का 36000 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया।
अब तक 23 लाख हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा दी गई है। सीएम ने मक्का के लिए खरीद केंद्र स्थापित करने का ऐलान करते हुए कहा हम औरैया के किसानों को इस बात के लिए आश्वस्त करेंगे कि बहुत जल्द हम इसके लिए क्रय केंद्र स्थापित करके एमएसपी की भी घोषणा करने वाले हैं। केंद्र और राज्य की ‘डबल इंजन' की सरकार ने पहली बार कृषि विश्वविद्यालयों व आईसीआर के वैज्ञानिकों को उनके केंद्रों से निकालकर खेतों में भेजने का काम किया है। ‘लैब टू लैंड' की इस प्रक्रिया को पीएम के ‘बीज से बाजार' तक अन्नदाता किसानों के हितों को सर्वोपरि मानते हुए चलाई जाने वाले अभियान का ही हिस्सा मानना चाहिए।
पिछली सरकारें महापुरुषों का अपमान करती थीं। जनता के साथ मक्कारी करती थीं। ‘डबल इंजन' की भाजपा सरकार मक्के की खेती के उत्पादन को बढ़ाती है। महापुरुषों का सम्मान करने का काम करती है। यही वजह है कि प्रदेश सरकार ने औरैया के मेडिकल कॉलेज का नाम राजमाता अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर रखा है।
मुख्यमंत्री ने समाजवादी पार्टी (सपा) की पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि याद करिए पिछली सरकारों के समय गुंडे और माफिया हावी हुआ करते थे। ना बेटी सुरक्षित थी ना व्यापारी सुरक्षित था। नौजवान के लिए निकलने वाली नौकरियों पर चाचा (शिवपाल सिंह यादव) और भतीजे (अखिलेश यादव) की दृष्टि ऐसे लगती थी की पूरी भर्ती ही विवादित हो जाती थी।