कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने सदस्यों को आंशिक निकासी के नियमों में बड़ी छूट दी है। सदस्य अब कर्मचारी और नियोक्ता के हिस्से सहित भविष्य निधि में पात्र शेष राशि का 100 प्रतिशत तक निकाल सकेंगे। श्रम मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में केंद्रीय न्यासी मंडल (सीबीटी) की सोमवार को हुई बैठक में यह फैसला किया गया। श्रम मंत्रालय ने बयान में कहा कि इसके साथ ही आंशिक निकासी के 13 जटिल प्रावधानों को आसान बनाते हुए अब तीन श्रेणियों में शामिल कर दिया गया है। इनमें आवश्यक जरूरतें (बीमारी, शिक्षा, विवाह), आवासीय जरूरतें और विशेष परिस्थितियां शामिल हैं।
शिक्षा और विवाह के लिए निकासी की सीमा क्रमशः 10 और पांच बार कर दी गई है। विशेष परिस्थितियों में निकासी के लिए अब कारण बताने की भी जरूरत नहीं होगी। इसके अलावा सभी आंशिक निकासी के लिए न्यूनतम सेवा अवधि को घटाकर 12 महीने कर दिया गया है।
ईपीएफओ ने यह भी तय किया है कि सदस्यों को अपनी अंशदान राशि का 25 प्रतिशत न्यूनतम शेष राशि के रूप में हमेशा बनाए रखना होगा।