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दंगा पीड़ित परिवारों को रोजगार, ग्रामीणों को संपत्ति का अधिकार

हरियाणा कैबिनेट की बैठक में लिए गये कई अहम फैसले

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मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम फैसलों को मंजूरी दी गई। बैठक में 1984 के सिख दंगा पीड़ित परिवारों के लिए रोजगार नीति, ग्रामीण संपत्ति अधिकार अध्यादेश, नयी शिक्षक ट्रांसफर पॉलिसी और शहीद सैनिकों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति की छूट जैसे महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि संवेदनशील शासन हमारी नीति की नींव है। हम ऐसे फैसले ले रहे हैं, जो जनता के जीवन में प्रत्यक्ष परिवर्तन लाएं। मुख्यमंत्री ने 25 अगस्त को विधानसभा में 1984 के सिख दंगों में मारे गए हरियाणा मूल के लोगों के परिजनों को रोजगार देने की घोषणा की थी। कैबिनेट ने इस पर मुहर लगा दी है।

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अब ऐसे परिवारों के एक मौजूदा सदस्य को हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से योग्यता और पात्रता के आधार पर लेवल-।, लेवल-।। या लेवल-।।। में नौकरी दी जाएगी। महत्वपूर्ण बात यह है कि जिन हरियाणा निवासियों की मृत्यु राज्य से बाहर हुई थी, उनके आश्रित भी इस लाभ के पात्र होंगे। यदि किसी विभाग में उपयुक्त पद उपलब्ध नहीं हैं तो हरियाणा कौशल रोजगार निगम पात्र व्यक्ति को किसी अन्य विभाग या अपने ही संस्थान में समायोजित करेगा।

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हम हर वर्ग के हित की नीति बनाते हैं : नायब सैनी

बैठक के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सरकार के निर्णय केवल प्रशासनिक सुधार नहीं, बल्कि समाजिक संवेदनशीलता का प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि राज्य का हर नागरिक, चाहे वह ग्रामीण क्षेत्र में हो, शिक्षक हो या किसी त्रासदी से प्रभावित परिवार, खुद को सरकार से जुड़ा महसूस करे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हर वर्ग के हित के लिए नीति बनाती है।

दंगा पीड़ित परिवारों को रोजगार, ग्रामीणों को संपत्ति का अधिकारइस नीति में जोड़ा गया क्लॉज कहता है कि दंगा पीड़ित परिवार सर्वसम्मति से परिवार से ही एक सदस्य का चयन करगा और उसे 58 वर्ष की आयु तक अनुबंध आधार पर स्थायी रोजगार संरक्षण मिलेगा। इसके लिए सरकार ने 2022 की रोजगार नीति में संशोधन भी किया है।

कैबिनेट ने ‘हरियाणा आबादी देह (स्वामित्व अधिकारों का निपटान, रिकॉर्डिंग और निपटारा) अध्यादेश, 2025’ को मंजूरी दे दी। इसे ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति अधिकारों के कानूनीकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। इस अध्यादेश के तहत अब ड्रोन सर्वेक्षण से हर गांव की आबादी देह भूमि का सटीक नक्शा तैयार किया जाएगा। वास्तविक कब्जाधारियों की पहचान कर उन्हें कानूनी स्वामित्व प्रमाणपत्र (प्रॉपर्टी आईडी) दिए जाएंगे। ग्रामीण संपत्तियों की खरीद-फरोख्त, कब्जा और उत्तराधिकार जैसी प्रक्रियाओं को सरल बनाया जाएगा।

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जोन सिस्टम खत्म, मेरिट आधारित तबादले

शिक्षकों की लंबे समय से चली आ रही मांगों को पूरा करते हुए कैबिनेट ने शिक्षक स्थानांतरण नीति 2025 को मंजूरी दे दी है। नयी पॉलिसी में अब जोन सिस्टम समाप्त कर दिया गया है, जिससे शिक्षक पूरे राज्य में अपनी पसंद का स्कूल चुन सकेंगे। ट्रांसफर मेरिट आधारित और अधिकतम 80 अंकों के स्कोर पर आधारित होगा। आयु के आधार पर 60 अंक तथा महिला, विधवा, विकलांग, गंभीर रोगी, दंपत्ति आदि विशेष श्रेणियों को अधिकतम 20 अंक मिलेंगे। मुख्य दंड मिलने पर 10 अंक घटेंगे। नूंह, हथीन और मोरनी ब्लॉक में स्वेच्छा से पोस्टिंग लेने वाले शिक्षकों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त वेतन व डीए मिलेगा। मेवात काडर के शिक्षकों को उनके काडर से बाहर नहीं भेजा जाएगा। दंपति मामलों में अब दूरी की शर्त नहीं, केवल एक साथी को 5 अंक का लाभ मिलेगा।

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शहीदों के परिवारों को अनुकंपा नियुक्ति की छूट

मंत्रिमंडल ने युद्ध में शहीद हुए हरियाणा मूल के सैनिकों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति में विशेष छूट देने का निर्णय लिया है। यह छूट दो मामलों में दी गई है। पहला शहीद सतीश कुमार के परिवार के लिए और दूसरा सिपाही जगदीश के लिए। सतीश कुमार 28 दिसंबर, 2001 को ‘ऑपरेशन पराक्रम’ के दौरान शहीद हुए थे। वहीं, सेना के सिपाही जगदीश ने 26 जुलाई, 2000 को जम्मू-कश्मीर में ‘ऑपरेशन रक्षक’ के दौरान शहादत दी थी। दोनों मामलों में उनके पुत्रों समीर और जंगवीर तक्षक को अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी मिलेगी।

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