नयी दिल्ली, 2 अप्रैल (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नेपाली समकक्ष शेर बहादुर देउबा ने शनिवार को सीमा पार रेल नेटवर्क एवं बिजली लाइन का उद्घाटन किया। उन्होंने बिहार के जयनगर और नेपाल के कुर्था के बीच पहली ब्रॉड-गेज यात्री ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। साथ ही नेपाल में भारत के रुपे भुगतान कार्ड की शुरुआत की। दोनों पक्षों ने रेलवे और ऊर्जा के क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार देने के लिए चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जबकि कई क्षेत्रों में व्यापक सहयोग की प्रतिबद्धता जताई।
नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने पीएम मोदी की मौजूदगी में कहा, ‘हमने सीमा मुद्दों पर चर्चा की और मैंने मोदी जी से द्विपक्षीय तंत्र की स्थापना के माध्यम से इसे हल करने का आग्रह किया।’ इसके कुछ घंटे बाद विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, सामान्य समझ यह थी कि मुद्दे का समाधान बातचीत के माध्यम से जिम्मेदार तरीके से करने की जरूरत है और इसके ‘राजनीतिकरण’ से बचना चाहिये। वहीं, मोदी ने कहा, इस बात पर चर्चा हुई कि भारत और नेपाल के बीच खुली सीमाओं का अवांछित तत्वों द्वारा दुरुपयोग नहीं किया जाए। हमने अपने रक्षा और सुरक्षा प्राधिकारियों के बीच सहयोग को गहरा करने पर जोर दिया।
गौर हो कि नेपाल द्वारा 2020 में एक नया राजनीतिक मानचित्र प्रकाशित करने के बाद भारत और नेपाल के बीच संबंधों में गंभीर तनाव आ गया था, जिसमें तीन भारतीय क्षेत्रों- लिपियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख को नेपाल के हिस्से के रूप में दिखाया गया था। भारत ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।
हम अनादिकाल से सुख-दुःख के साथी
प्रधानमंत्री मोदी ने बयान में कहा, ‘भारत और नेपाल की दोस्ती, हमारे लोगों के आपसी संबंध, ऐसी मिसाल विश्व में कहीं और देखने को नहीं मिलती। हमारी सभ्यता, हमारी संस्कृति, हमारे आदान-प्रदान के धागे, प्राचीन काल से जुड़े हुए हैं। अनादिकाल से हम एक-दूसरे के सुख-दुःख के साथी रहे।’ उन्होंने कहा कि भारत शांति, समृद्धि और विकास के लिए नेपाल की यात्रा में एक मजबूत साथी रहा है और रहेगा। दोनों पक्षों के बीच बिजली सहयोग पर संयुक्त बयान इस क्षेत्र में भविष्य में सहयोग का एक ‘ब्लूप्रिंट’ साबित होगा। उन्होंने कहा कि नेपाल की जलविद्युत विकास योजनाओं में भारतीय कंपनियों की अधिक भागीदारी पर सहमति बनी है।