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Emotional Story : कर्नाटक जाना था लेकिन पहुंच गया पंजाब... 3 दिन से लापता युवक का परिवार से हुआ मिलन, बताई पूरी कहानी

कर्नाटक से लापता युवक को उसके परिजनों से मिलवाया
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गुरतेज सिंह प्यासा निस/संगरूर, 3 मार्च

Emotional Story : औरंगाबाद में नौकरी मिलने के बाद मैं अपनी पहली तनख्वाह लेकर अपने शहर बीदर (कर्नाटक) के लिए निकला, लेकिन पता नहीं किस रास्ते से मैंने गलत ट्रेन पकड़ ली और अपने परिवार से बिछड़ गया। उसके बाद करीब 1500 किमी दूर मैं पंजाब के सुनाम शहर में कैसे पहुंच गया, मुझे नहीं पता।

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इतना कहते ही पिछले 3 दिनों से संगरूर के पिंगलवाड़ा में रह रहे कर्नाटक के 23 साल के सुदर्शन चक्र की आंखों में आंसू आ गए। करीब 10 दिन बाद सुनाम के सामाजिक कार्यकर्ता जितेंद्र जैन की मदद से सुदर्शन चक्र अपने परिवार से मिल सका। सुदर्शन को कर्नाटक बिदर से लाने के लिए उनके चाचा अपोलो सिरोमनी और परिवार के सदस्य आज संगरूर पहुंचे।

कर्नाटक के बिदर का एक 23 वर्षीय युवक 27 फरवरी को सुनाम में ठंड से कांपता हुआ पाया गया था। सुदरन शंकरे उर्फ ​​​​गुड्डू को सामाजिक कार्यकर्ता जीतिंदर जैन और वेब चैनल सुनाम अलर्ट, स्थानीय पिंगलवाड़ा संगठन के प्रमुख डॉ इंदरजीत कौर की उपस्थिति में उक्त युवक को आज कर्नाटक से आए उसके परिजनों के हवाले कर विदा कर दिया गया।

स्थानीय पिंगलवाड़ा संस्था के सामाजिक कार्यकर्ता जितिंदर जैन ने कहा कि कुछ दिन पहले उन्हें सुनाम के सरकारी स्कूल के पास यह युवक मिला था, जो मानसिक रूप से ठीक नहीं लग रहा था, जब उन्होंने उससे बात की तो वह टूटी-फूटी अंग्रेजी बोल रहा था, लेकिन अपना ठिकाना नहीं बता पा रहा था और बहुत डरा हुआ था। एक रात सुनाम के रैन शेल्टर होम में रखने के बाद अगले दिन उक्त युवक को संगरूर के पिंगलवाड़ा में रखा गया।

जितेंद्र जैन ने कहा कि हमें पता चला कि उसका नाम सुदंर शंकर उर्फ ​​​​गुड्डू है और वह कर्नाटक के बिदर शहर का रहने वाला है और उसके पिता का नाम सुधाकर कोटे है। उन्होंने कहा कि उनका नाम और फोटो बिदर शहर के हर पुलिस स्टेशन और हेल्प लाइन पर भेजा गया, जिसके बाद उन्हें बड़ी प्रतिक्रिया मिली। सौभाग्य से जब एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर को उसकी फोटो मिल गई तो उसने बताया कि इस युवक के पिता उसके मित्र हैं और उसके लापता होने से उसके माता-पिता चिंतित हैं।

उन्होंने बताया कि यह युवक 18 फरवरी से कंपनी से गायब है और लापता हो गया है, जिसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी लिखाई गई है। उनकी मां और बहन बहुत बीमार हैं। आज उक्त युवक के चाचा अपोलो सिरोमनी और परिवार के सदस्य संगरूर पिंगलवाड़ा संस्था पहुंचे, फिर सुदरान शंकरे उर्फ ​​​​गुड्डू को उसके परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया। इस मौके पर पिंगलवाड़ा इंस्टीट्यूट की चेयरपर्सन बीबी इंद्रजीत कौर, जगजीवन सिंह वीसी कनाडा, हरजीत सिंह अरोड़ा, सहारा इंस्टीट्यूट के चेयरमैन सर्वजीत राखी, रोविन कुमार समेत बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी मौजूद रहे।

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